मुंबई, अगस्त :ऐड्वर्टाइज़िंग स्टैंडर्ड्स कौंसिल ऑफ़ इंडिया (एएससीआई) द्वारा एएससीआई
अकैडमी का उदघाटन किया गया है। एएससीआई के इस पथ-प्रदर्शक पहल का लाभ विज्ञापन उद्योग को
मिलेगा और अधिक जवाबदेह तथा प्रगतिशीलविचारों वाले विज्ञापन बन सकेंगे। वर्तमान में एएससीआई
की जो भूमिका है वह विज्ञापन के प्रकाशन के बाद शुरू होती है। इस अकैडमी से प्रशिक्षण प्राप्त करने के
बाद विज्ञापन बनाने वाले इन तथ्यों पर शुरू से ही नजर रखेंगे। आज के डिजिटल परिदृश्य में छोटे विज्ञापनों का चलन और विज्ञापन देने वालों की संख्या काफी बढ़ रही है। ऐसी स्थिति में एएससीआई अकैडमी इन्फ्लुएंसर और स्टूडेंट्स सहित वर्तमान और भावी इंडस्ट्री
प्रोफेशनल्स को विज्ञापन सम्बन्धी नियमों की बुनियादी समझ से परिपक्व बनाएगा, ताकि वे आरम्भ से ही
नीतिपरक कार्यप्रणाली सुनिश्चित कर सकें।
एएससीआई अकैडमी का मूलभूत उद्देश्य विज्ञापन कार्य में जिम्मेदारी कायम रखने के प्रति समर्पित
ऐड्वर्टाइज़िंग प्रोफेशनल्स का समूह तैयार करना है, जिससे कि अंततः ब्रैंड्स में उपभोक्ताओं का भरोसा बना
रहे। यह अकैडमी एएससीआई के विशाल थॉट लीडरशिप और शैक्षणिक प्रोग्राम्स को रणनीतिक रूप से समेकित
करेगी। अकैडमी के पाठ्यक्रम का विस्तार ऑनलाइन से लेकर, व्यक्तिगत, और हाइब्रिड फॉर्मेट्स तक विविध
ज़रूरतों को पूरा करेगा। ई-लर्निंग मॉड्युल्स से लेकर विभिन्न विषयों पर सामयिक वेबिनार तक,
विनियामकीय बारीकियों पर गहरे विश्लेषण वाले मास्टरक्लासों से लेकर संकाय विकास कार्यक्रम के माध्यम
से अध्यापन कौशल में सुधार तक, यह अकैडमी सभी चीजों को कवर करेगी। इसके अलावा, इन्फ्लुएंसर
प्रमाणन प्रोग्राम्स के माध्यम से विज्ञापनों का अनुमोदन करने के मामले में जवाबदेही की भावना सुनिश्चित
होगी, जबकि उपभोक्ता शिक्षण पहलों से सूचित फैसलों को बढ़ावा मिलेगा। सतत प्रशिक्षण और
अनुसंधान के प्रयासों के माध्यम से एएससीआई अकैडमी आत्म-नियंत्रण में बाधक पहलुओं पर हितधारकों
को सहभागी बनाने के लिए अपनी वचनबद्धता का सख्त पालन करती रहेगी। एएससीआई अकैडमी
विज्ञापान की उत्तरदायी पद्धतियों में साझा विश्वास के द्वारा जुड़े हितधारकों को एकजुट करेगी। इस
अकैडमी में 50 से अधिक संस्थापक साझीदार हैं, जिनमें सिप्ला हेल्थ लिमिटेड, कोका-कोला इंडिया प्राइवेट
लिमिटेड, कोलगेट-पामोलिव (इंडिया) लिमिटेड, डिएजियो इंडिया, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड,
मोंडेलीज़ इंडिया फूड्स प्राइवेट लिमिटेड, नेस्ले इंडिया लिमिटेड, पेप्सीको इंडिया होल्डिंग्स प्राइवेट
लिमिटेड, प्रॉक्टर ऐंड गैम्बल होम प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, अनेक प्रमुख विश्वविद्यालय और
महाविद्यालय, प्रतिष्ठित सिविल सोसाइटी संगठन जैसे की मुंबई ग्राहक पंचायत, कंज्यूमर वॉइस,
सीयुटीएस, सीएमएस और अन्य उद्योग संगठन जैसे कि आईएसए, एएएआई, आईएए और
आईएसडब्लूएआई और अनुसंधान परिज्ञान संगठन सम्मिलित हैं।
इस अवसर पर उपभोक्ता मामला विभाग के सचिव, श्री रोहित कुमार सिंह ने कहा कि, “मैं एएससीआई
अकैडमी के शुभारम्भ पर एएससीआई को बधाई देता हूँ। डिजिटल दौर में प्रतिबंधक कारवाईयों को सही
प्रेरणा और प्रोत्साहन देने की ज़रुरत है। साथ ही, वर्तमान और भविष्य के इंडस्ट्री प्रोफेशनल्स के लिए यह
प्रशिक्षण एक महत्वपूर्ण भमिका निभायगा।उपभोक्ता मामला विभाग विज्ञापन उद्योग में जवाबदेही की
संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए विज्ञापान के लिए इस प्रकार के सेल्फ रेगुलेटरी (आत्म-नियामक) प्रयासों
का समर्थक है। हम आशा करते हैं कि विज्ञापन उद्योग विज्ञापन संबंधी विनियमों के पहलुओं पर अपनी
टीमों को बेहतर प्रशिक्षित और शिक्षित बनाने के लिए अकैडमी के प्रोग्राम्स के साथ गहराई से जुड़ेगा।”
एएससीआई अकैडमी की शीर्ष परिषद् के सदस्य और सूचना और प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव, श्री
विक्रम सहाय ने कहा कि, “एएससीआई अकैडमी के शुभारम्भ पर एएससीआई को बहुत-बहुत बधाई!
सूचना और प्रसारण मंत्रालय मीडिया और मनोरंजन उद्योग में आत्म-नियंत्रक प्रणाली का हमेशा ही समर्थन
किया है। हमें आशा है कि अकैडमी द्वारा उपलब्ध कराये गए संसाधन और सहायता विभिन्न ऑनलाइन
ऐड्वर्टाइजर और प्लैटफ़ॉर्म के लिए बेहद उपयोगी होंगे।”
अकैडमी के उदघाटन को संबोधित करते हुए, एएससीआई के चेयरमैन, एनएस राजन ने कहा कि, “हालाँकि
एएससीआई के पास हमेशा ही एक मजबूत सुधारात्मक प्रक्रिया रही है, लेकिन हम रचनात्मकता और
उत्तरदायित्व के बीच गतिशील पारस्परिक प्रभाव को सुसंगत बनाना और पूरे समाज पर विज्ञापन के
व्यापक परिणामों पर भी ध्यान देना चाहते थे। एएससीआई अकैडमी इस दिशा में एक बड़ा कदम है जो
निवारक कदमों को सरल बनाएगा और उद्योग को इसे सही सही करने में मदद के लिए एक विज्ञापन
परितंत्र तैयार करेगा।”
एएससीआई की सीईओ और सेक्रेटरी जनरल, मनीषा कपूर ने कहा कि, “छोटे विज्ञापन अवधि के कारण यह
महत्वपूर्ण है कि विज्ञापन के निर्माण के आरम्भ में ही ध्यान दिया जाए, न कि उनके प्रकाशन के बाद। जब
बाज़ार में आने वाले विज्ञापन उत्तरदायी और अनुपालित होंगे, तभी यह उपभोक्ता और उद्योग, दोनों के
लिए फायदेमंद होगा। एएससीआई का लक्ष्य अगले तीन वर्षों में अनुसंधान और उपभोक्ता शिक्षण प्रोग्राम्स
के अलावा, स्व-शिक्षण और ऑन-कैंपस वर्कशॉप्स के माध्यम से 1,00,000 वर्तमान और उभरते प्रोफेशनल्स
को प्रशिक्षित करना है। भारत में आत्म-नियंत्रण का यह एक नया अध्याय है और इस दूरदृष्टि का समर्थन
करने के लिए अपने सभी फाउंडिंग पार्टनर्स के आभारी हैं। हमें इस मुद्दे में आस्थावान अनेक और लोगों के
शामिल होने की आशा है – अभी तो बस शुरुआत ही हुई है।”