जावरा/रतलाम(माधव एक्सप्रेस)
मध्यप्रदेश में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को दबाने के मामले सुर्खियों में बने रहते हैं। रतलाम जिले की जावरा तहसील में भ्रष्टाचार का मामला उजागर करने पर स्थानीय पत्रकार को अपराधी घोषित करने का आरोप जावरा एसडीएम हिमांशू प्रजापति के खिलाफ वहां के कुछ स्थानीय नागरिकों ने लगाया है। एसडीएम पर आरोप लगाते हुए नाम न छापने की शर्त पर कुछ स्थानीय बाशिंदों ने माधव एक्सप्रेस को बताया कि अदम्य अख़बार में रेत खनन और नगर पालिका परिषद में वर्टिकल टर्बाइन पम्प खरीदी मामले में पूर्व पार्षद घनश्याम सोलंकी द्वारा घोटाले में संदिग्ध पाए जाने को लेकर अदम्य अख़बार संवाददाता राजू मेवाड़ा द्वारा ख़बर प्रकाशित की गई थी, जिसके संबंध में ख़बर पर जांच किए बिना उक्त मामले को तूल देते हुए एसडीएम द्वारा रेत खनन मामले में और नगर पालिका परिषद में वर्टिकल टर्बाइन पम्प खरीदी मामले में पूर्व पार्षद घनश्याम सोलंकी द्वारा घोटाले में संदिग्ध पाए जाने और रेत माफिया को संरक्षण देने की ख़बर प्रकाशित करने पर प्रशासनिक जांच किए बिना पत्रकार पर कार्यवाही की गई उक्त मामले में पूर्व पार्षद सोलंकी व राजनैतिक क्षेत्रिय नेता के संलिप्त होने की दिशा में उनके द्वारा सामाजिक रूप से दबाव बनाकर अदम्य पत्रकार के घर जाकर वाद विवाद करने पर पत्रकार द्वारा पुलिस को सूचना देने पर पत्रकार को नज़र अंदाज़ कर पर्व पार्षद सोलकी और उनके अन्य साथियों द्वारा सिटी थाने में जाकर पत्रकार के खिलाफ़ झूठी अशब्दो के प्रयोग व मारपीट के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कराने पर धारा 294 और 506 में प्रक्रमण बनाया गया , जबकि बिना किसी वैचारिक मामले के धारा 113 में कायमी कर बुधवार को एसडीएम कार्यालय पर पत्रकार राजू मेवाड़ा को बुलाया गया था और जब पत्रकार मेवाड़ा वहा पहुंचे तो एसडीएम उन्हें देख वहा से बिना बात किए ही निकल गए,मीडिया सूत्रों के मुताबिक पत्रकार राजू मेवाड़ा माली द्वारा बताया गया कि एसडीएम द्वारा बुधवार को बात नहीं की गई वही गुरुवार को सुबह पुलिस भेज कर थाने पर बिठा लिया और जब आंचलिक पत्रकार संघ जावरा द्वारा मामले के संबंध में सीटी थाना प्रभारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि समाज के पक्षों में विवाद है कही मामला और अधिक न हो जाए इसीलिए धारा 151 में सामाजिक रूप से अशांति फैलाने के लिए कार्यवाही की जा रही है, जिसे संज्ञान में लेकर दोनों पक्षों को समझाइस दी जाएगी और पत्रकार को जमानत पर छोड़ दिया जाएगा, ऐसा कह कर मामले को एक पक्षीय कर राजू मेवाड़ा पत्रकार को अन्य धाराओं सहित भ्रमित कर षडयंत्र रच जेल भेज दिया गया। और द्वितीय पक्ष पर कोई वैध कार्यवाही नहीं की गई, और जब वकील द्वारा मामले में जमानत पर छोड़ने का कहा गया तो एसडीएम द्वारा 22 तारीख तक कोई कार्रवाई नहीं होने की बात कह उक्त विषय पर बात करने से ना कह दिया गया। जिसे नियम विरुद्ध कार्यवाही करने और मानव अधिकार की अवहेलना और पत्रकार के शोषण करने की नीति को ध्यान में रखते हुए मेवाड़ा माली समाज द्वारा कलेक्टर कार्यालय जाकर एसडीएम प्रजापति के खिलाफ़ ज्ञापन प्रेषित किया गया।