सार
देश के सबसे बड़े बीमाकर्ता और अदाणी समूह में एक प्रमुख संस्थागत निवेशक, एलआईसी ने अप्रैल से 6,200 करोड़ रुपए से अधिक की वृद्धि के साथ 45,481 करोड़ रुपए का बाजार मूल्य हासिल किया है
मुंबई- फरवरी माह में अदाणी समूह के शेयर्स में अपने निवेश पर संभावित नुकसान को देखने के बाद, भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) वर्तमान में सातवें आसमान पर है, क्योंकि इसकी होल्डिंग के बाजार मूल्य में 2 महीने से भी कम समय में शानदार वृद्धि देखी गई है।
देश के सबसे बड़े बीमाकर्ता और अदाणी समूह में एक प्रमुख संस्थागत निवेशक, एलआईसी ने अप्रैल से 6,200 करोड़ रुपए से अधिक की वृद्धि के साथ 45,481 करोड़ रुपए का बाजार मूल्य हासिल किया है।
मार्च के अंत तक होल्डिंग और मंगलवार को शेयर्स के क्लोजिंग भाव के आधार पर इस बाजार मूल्य की गणना की गई थी।
अदाणी शेयर्स में एलआईसी निवेश का बाजार मूल्य
कंपनी मार्च 31 बाजार मूल्य (रुपए करोड़) मई 23 बाजार मूल्य (रुपए करोड़)
एसीसी 2,006 2,189
अदाणी एंटरप्राइज़ेज़ 8,493 12,782
अदाणी ग्रीन एनर्जी 1,893 2,123
अदाणी पोर्ट्स और एसईजेड 12,448 14,463
अंबुजा सीमेंट्स 4,564 5,337
तब और अब
जनवरी के अंत में हिंडनबर्ग रिसर्च के दौरान कॉर्पोरेट का गलत शासन, स्टॉक मूल्य में हेरफेर और समूह के कई अन्य लोगों के आरोपों के बाद अदाणी के शेयर्स के चलते महज़ एक महीने में मार्केट कैपिटलाइज़ेशन में $100 बिलियन से अधिक की गिरावट आई।
शेयर्स को लेकर एलआईसी के निवेश पर इस हद तक प्रभाव पड़ा कि निवेशकों को बीमा कंपनी की बुकिंग के नुकसान को लेकर काफी डर था।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से अदाणी के शेयर्स में गिरावट के बावजूद, जीवन बीमाकर्ता ने मार्च तिमाही के दौरान चार कंपनियों: अदाणी एंटरप्राइजेज़, अदाणी ग्रीन एनर्जी, अदाणी ट्रांसमिशन और अदाणी टोटल गैस में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई थी।
हालाँकि, अदाणी के अधिकांश शेयर्स, जनवरी के अंत और फरवरी के बीच हिंडनबर्ग-रिपोर्ट के दौरान हुए अधिकांश नुकसानों का सफाया करने और कामयाबी हासिल करने में सक्षम रहे थे।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अपने 52-सप्ताह के निचले स्तर से, अदाणी एंटरप्राइजेज़ के शेयर्स में 159% की भारी वृद्धि देखी गई है। यदि सिर्फ मई माह की ही बात की जाए, तो अदाणी के शेयर्स में 37% की बढ़ोतरी हुई है।
अदाणी समूह की कैश काऊ, अदाणी पोर्ट्स और एसईजेड के शेयर्स, समूह में पहले हैं, जो हिंडनबर्ग रिपोर्ट से पहले देखे गए स्तरों को फिर से उठाने में सक्षम रहे हैं।
विगत तीन सेशंस में अदाणी के शेयर्स में बहुत लाभ हुआ है, क्योंकि अदाणी के शेयर्स में मूल्य हेरफेर के आसपास कोई नियामक चूक नहीं पाई गई थी। हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों की जाँच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त पैनल के बाद दलाल स्ट्रीट के निवेशकों ने राहत की साँस ली।
अदाणी के शेयर्स के लिए दूसरा बूस्टर शॉट उनके हालिया निवेशक जीक्यूजी पार्टनर्स से आया है। एनआरआई निवेशक राजीव जैन के स्वामित्व वाली इन्वेस्टमेंट फर्म ने अदाणी समूह में अपनी हिस्सेदारी लगभग 10% बढ़ा दी है।
यह एक महीने बाद हुआ है। हिंडनबर्ग की अगुवाई के दौरान, जो अदाणी हार के चरम पर थी, उसके शेयर्स में फर्म ने 15,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश करके शानदार दाँव लगाया।
जैन ने एक इंटरव्यू में ब्लूमबर्ग को बताया, “अदाणी समूह में, हम मूल्यांकन के आधार पर पाँच वर्षों के भीतर, सबसे बड़े निवेशकों में से एक बनना चाहते हैं।”
ऐसा लगता है कि हिंडनबर्ग प्रभाव फीका पड़ रहा है और अदाणी बुल्स अपने मोजो को वापस पाने के लिए ट्रैक पर हैं।