दृष्टिकोण – वित्त विधेयक 2023
महत्वपूर्ण बिंदु (01 अप्रैल, 2023 से प्रभावी होने हेतु प्रस्तावित) : –
1 अप्रैल, 2023 को या उसके बाद खरीदे गए म्युचुअल फंड में निवेश (जहां घरेलू कंपनियों के इक्विटी शेयरों में 35 प्रतिशत से अधिक निवेश नहीं किया गया है) पर लागू कर दरों पर अल्पकालिक पूंजीगत लाभ के रूप में कर लगाया जाएगा। यानी, डेट फंड्स, इंटरनेशनल फंड्स और गोल्ड फंड्स से हुई पूंजी वृद्धि – चाहे उनकी होल्डिंग अवधि जो भी हो -पर व्यक्ति की प्रासंगिक लागू कर दर पर कर लगाया जाएगा।
• 3 साल से अधिक समय तक रखे गए ऋण म्युचुअल फंडों को अब इंडेक्सेशन का लाभ नहीं मिलेगा
• इसके अतिरिक्त, 31 मार्च, 2023 को या उससे पहले किए गए निवेश के लिए मौजूदा एलटीसीजी लाभ जारी रहेंगे।
निष्कर्ष:
इस बदलाव के साथ डेट फंड और पारंपरिक निवेश में अब करारोपण में समानता दिखेगी। ऐसे अवसरों के बीच तुलना काफी हद तक प्रदर्शन पर निर्भर करेगी। इस समाचार प्रवाह के माध्यम से मौजूदा निवेशकों के लिए एक चेतावनी बनी हुई है, कि डेट फंड, अंतर्राष्ट्रीय फंड और गोल्ड फंड में मौजूदा निवेश और यहां तक कि 31 मार्च, 2023 तक किए गए नए निवेश भी प्रस्तावित संशोधनों से प्रभावित नहीं होंगे। 3 साल पूरे होने के बाद इन निवेशों पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ करारोपण लागू रहेगा। निवेशक अपने पोर्टफोलियो पर पुनर्विचार कर सकते हैं और अपने पोर्टफोलियो को अनुकूलित करने के लिए ऋण और वैश्विक फंडों के लिए धन का पुनर्वितरण कर सकते हैं।