
नई दिल्ली । चीन का फिर दोहरा रवैया सामने आया है। अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में हुई जी-20 बैठक में चीन ने भाग नहीं लिया। इसके बावजूद बैठक में अच्छी उपस्थिति देखी गई। अमेरिका सहित 50 से अधिक प्रतिनिधियों ने जी-20 रिसर्च इनोवेशन इनिशिएटिव गैदरिंग में भाग लिया। बैठक में भाग लेने पहुंचे प्रतिनिधियों ने बाद में अरुणाचल विधान सभा का भी दौरा किया।
दरअसल, चीन अरुणाचल पर भारत की संप्रभुता को मान्यता नहीं देता है और दावा करता है कि यह दक्षिण तिब्बत का हिस्सा है। हालांकि अभी यह पता नहीं चला है कि चीन ने इस बैठक के खिलाफ आधिकारिक रूप से भारत के समक्ष विरोध दर्ज कराया है या नहीं। वहीं बीजिंग अब तक भारत की जी-20 अध्यक्षता का समर्थन करता रहा है और चीनी विदेश मंत्री किन गैंग ने इस महीने की शुरुआत में विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए भारत का दौरा भी किया था।
गौरतलब है कि पिछले साल जी-20 की अध्यक्षता मिलने से पहले ही भारत ने कहा था कि वह जी-20 की बैठक की मेजबानी देश के सभी हिस्सों में करेगा। संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजदूत रुचिरा कंबोज ने कहा था कि सभी 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में बैठकें होंगी। वहीं आधिकारिक सूत्रों ने पुष्टि की कि भारत मई में जम्मू और कश्मीर में संस्कृति पर जी20 बैठक की मेजबानी करेगा।