मुंबई, । महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार ने भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री रहने के दौरान राज्य के सूचना जनसंपर्क विभाग में 500 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार होने का गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि यह भ्रष्टाचार 2017-18 की अवधि के दौरान हुआ। आरोप है कि सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के तत्कालीन महानिदेशक, सामाजिक न्याय विभाग के पूर्व सचिव और 6 अधिकारियों ने बिना मुख्यमंत्री की स्वीकृति के 500 करोड़ के विज्ञापनों को मंजूरी दे दी. महाविकास आघाड़ी की मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान मुख्य सचिव द्वारा कराई गई जांच में ये अधिकारी दोषी पाए गए हैं। लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है, यह बात पवार ने विधानसभा में कही है। अजित पवार ने आरोप लगाया है कि मौजूदा मुख्यमंत्री इस पर पर्दा डालने का काम कर रहे हैं. इस आरोप के बाद अब राज्य सरकार का क्या जवाब होगा? ये तो आने वाले समय में ही पता चलेगा. फिलहाल बजट सत्र चल रहा है. विपक्ष के इस आरोप से सरकार भ्रष्टाचार के मुद्दे पर दुविधा में फंस सकती है। वहीं अजित पवार ने सोशल मीडिया पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए एक पोस्ट भी किया है. जिसमें उन्होंने बताया है कि मुख्यमंत्री के अधिकार क्षेत्र में आने वाले सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में फडणवीस सरकार के दौरान विभिन्न विभागों द्वारा बिना मुख्यमंत्री की स्वीकृति के 500 करोड़ रुपये के विज्ञापन दिये गये. संबंधित विज्ञापन एजेंसी को भुगतान किए जाने वाले 2019-20 के बिलों को वित्त विभाग द्वारा कुछ स्वीकृत नहीं होने के कारण रोक दिया गया है। अब मुख्यमंत्री की अनुमति से बिलों के भुगतान का आदेश देकर इस घोटाले पर पर्दा डालने का प्रयास किया जा रहा है, यह गंभीर मामला है. सरकार इस घोटाले पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है। अजीत पवार ने मांग की है कि इस मामले में दोषी अधिकारियों को बिना समर्थन के तुरंत निलंबित किया जाना चाहिए.