अहमदाबाद । मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने समग्र स्वास्थ्य देखभाल की नई परंपरा से जनसामान्य, अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति, वंचित या जरूरतमंद, सभी के स्वास्थ्य कल्याण की प्रतिबद्धता दिखाई है। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीब या मध्यमवर्गीय परिवारों को पांच लाख रुपए तक का स्वास्थ्य रक्षा कवच मिलता है। इतना ही नहीं, भारतीय जन औषधि केंद्रों के माध्यम से अब जरूरतमंद लोगों को सस्ती एवं गुणवत्ता संपन्न दवाइयां भी आसानी से उपलब्ध हो रही हैं। उन्होंने यह बात मंगलवार को गांधीनगर में ‘जन औषधि दिवस’ के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कही। केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला एवं राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल तथा गांधीनगर के महापौर हितेश मकवाणा सहित कई अन्य महानुभाव इस अवसर पर मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज हरेक कल्याण योजना हो या फिर स्वास्थ्य सुविधाओं सहित जनहितकारी कार्यक्रम हो, सभी का आयोजन आदने आदमी और गरीबों को केंद्र में रखकर ही किया जाता है। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी ने ऐसे अदने, हाशिये पर खड़े और गरीब लोगों को विकास की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए योजनाओं के सौ फीसदी लाभार्थी कवरेज यानी सेचुरेशन लेवल का दृष्टिकोण अपनाया है। जनहित का यह लक्ष्य कि कोई भी पात्र लाभार्थी योजना के लाभ से वंचित न रहे, सेचुरेशन लेवल से पूरा होगा। भूपेंद्र पटेल ने कहा कि पहले हालात यह थे कि किसी गरीब या मध्यमवर्गीय परिवारों किसी सदस्य के गंभीर बीमारी से ग्रसित होने पर महंगी दवाइयों के खर्च से बचने के लिए परिवार दर्द को सहन कर लेते थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश भर में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र शुरू कर ऐसे लाखों परिवारों को सस्ती, अच्छी और गुणवत्तापूर्ण दवाइयां बाजार मूल्य की तुलना में 50 से 90 फीसदी तक सस्ते मूल्य पर उपलब्ध कराई है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा दी गई सर्वसमावेशी विकास और सर्वकल्याण की नीति राज्य की गौरवशाली विकास यात्रा का आधार रही है। मुख्यमंत्री ने इस बात भी प्रकाश डाला कि राज्य सरकार ने इस वर्ष प्रधानमंत्री जन आरोग्य-मा योजना के अंतर्गत प्रति परिवार बीमा की वार्षिक सीमा को दुगुना यानी 5 से बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दिया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य केंद्रों और प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों के माध्यम से राज्य में दूरदराज और अंतिम छोर पर बसे इलाकों तक बेहतरीन स्वास्थ्य उपचार सुविधाएं सुलभ हुई हैं। मुख्यमंत्री ने जन स्वास्थ्य सुरक्षा की इसी प्रतिबद्धता को प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में जनसहयोग से आगे बढ़ाकर ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया’ का संकल्प गुजरात में चरितार्थ करने की भी अपेक्षा व्यक्त की।
इस अवसर पर केंद्रीय पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि जेनरिक दवाओं को लेकर लोगों में यह गलत धारणा है कि ऐसी दवाइयां प्रभावी नहीं होती, परन्तु जेनरिक दवाइयों का उपयोग न केवल भारत बल्कि अमेरिका और यूरोप जैसे देशों में भी हो रहा है। 51 देशों में जेनरिक दवाइयों के निर्यात की मांग भी काफी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में भारत में आज ऐसी अनेक प्रगतिशील घटनाएं घटित हो रही हैं, जो दुनिया के किसी कोने में नहीं हो रही हैं। ‘प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना’ (पीएमबीजेपी) इनमें से एक प्रयोग है। उन्होंने इस वर्ष जन औषधि दिवस की थीम ‘जन औषधि सस्ती भी-अच्छी भी’ के अंतर्गत लोगों में जेनरिक दवाइयों के उपयोग का व्यापक प्रचार करने का भी अनुरोध किया।
गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन से देश के गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को सस्ती दरों पर गुणवत्तायुक्त दवाइयां आसानी से उपलब्ध कराने के लिए देश भर में जन औषधि केंद्रों का एक सुदृढ़ ढांचा विकसित किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 तक देश भर में जन औषधि केंद्रों की संख्या केवल 99 थी, जबकि आज देश भर में 9000 से भी अधिक केंद्र कार्यरत हैं। केवल गुजरात में ही 518 जन औषधि केंद्र कार्यरत हैं। इन केंद्रों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से प्रमाणित लगभग 1750 दवाइयां और 280 सर्जिकल उपकरण उपलब्ध हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा कि जन औषधि केंद्रों पर उपलब्ध गुणवत्तायुक्त दवाइयां बाजार में मिलने वाली ब्रांडेड दवाइयों की तुलना में 50 से 90 फीसदी तक सस्ते मूल्य पर मिलती है। उन्होंने कहा कि गत 8 वर्षों में लोगों को सस्ते मूल्य पर गुणवत्तापूर्ण दवाइयां उपलब्ध होने से देश के गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के दवाई के खर्च में कमी हुई है। उन्होंने सभी से यह अनुरोध किया कि वे अपने आस-पड़ोस के लोगों को जेनरिक दवाइयों से अवगत कराकर ‘आत्मनिर्भर गुजरात से आत्मनिर्भर भारत’ बनाने के संकल्प को पूर्ण करें।
जन औषधि दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने जन औषधि केंद्र के संचालकों को ‘जन औषधि सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार’, ‘जन औषधि ज्योति पुरस्कार’ और ‘जन औषधि मित्र’ जैसे पुरस्कारों से सम्मानित किया। राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज अग्रवाल ने जन औषधि परियोजना की विस्तृत जानकारी दी और गुजरात मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमि. (जीएमएससीएल) के निदेशक श्री अजय प्रकाश ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में पीएमबीजेपी योजना के लाभार्थी तथा जन औषधि केंद्रों के संचालकों ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कीं। इस अवसर पर स्वास्थ्य आयुक्त श्रीमती शाहमीना हुसैन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन डायरेक्टर श्रीमती रेम्या मोहन सहित विभिन्न पदाधिकारी, उच्चाधिकारी, जन औषधि केंद्रों का संचालन करने वाले औषधि मित्र और बड़ी संख्या में पीएमबीजेपी योजना का लाभार्थी उपस्थित रहे।