अपर कलेक्टर राजेश राठौर द्वारा बताया गया है कि जिन ईकाईयों के लायसेंस निलंबित किये गये है उनमें महेश अग्रवाल द्वारा संचालित मीनार फार्मा (काला घोड़ा मुनक्का), हीरालाल पंजवानी द्वारा संचालित विश्वास सेवा सदन (मस्ताना मुनक्का), लता मेहता द्वारा संचालित की जा रही 02 मेहता आयुर्वैदिक संस्थान (सनन मुनक्का), नरेन्द्र सिंह सोलंकी द्वारा संचालित माहेश्वरी मुनक्का मैन्युफैक्चरिंग कंपनी, शुभम राठौर एवं साहित्य मिश्रा द्वारा संचालित धनश्री प्रोडक्ट्स, अनूप कुमार गुरबानी द्वारा संचालित अटल मुनक्का एवं मनभावन मुनक्का, रमेश वैष्णव द्वारा संचालित वैष्णव आयुर्वेदिक फार्मेसी, हीरालाल पंजवानी द्वारा संचालित कल्याण सेवा सदन (मस्ताना मुनक्का), लोकेन्द्र गर्ग द्वारा संचालित एस.एस.मनुक्का भण्डार, गौरव वसैनी द्वारा संचालित मेसर्स शिवम मार्केटिंग, गोपाल धनोतिया द्वारा संचालित तरंग फार्मा, रतनलाल वैष्णव द्वारा संचालित शुक्ला आयुर्वेदिक फार्मेसी, राजेश पंवार पिता नाथूलाल पंवार एवं हसन अली पिता कादर भाई पार्टनर द्वारा संचालित वर्धमान उद्योग शामिल है।
उल्लेखनीय है कि भांग माफिया मोहम्मद मुजाहित खान उर्फ मंजूर भांगवाला को कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी मनीष सिंह द्वारा विगत माह रासुका में निरुद्ध करने की कार्रवाई की गई थी। आज जिन इकाइयों के लाइसेंस निरस्त किए गए हैं उनमें हीरालाल पंजवानी भी शामिल है जिनके रिश्तेदार नीलू पंजवानी की भांग माफिया मंजूर भांगवाला के साथ क्या संलिप्तता थी इसकी भी जांच जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है।
:: कलेक्टर के निर्देश पर भांग गोली बनाने वाली इकाइयों का किया गया सघन निरीक्षण ::
इदौर जिले में भांग युक्त मुनक्का गोली बनाने में भांग के दुरूपयोग की सूचना पर कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा आकस्मिक रूप से आबकारी एवं आयुष विभाग के अधिकारियों के संयुक्त दलों से भांग गोली बनाने वाली इकाईयों का सघन निरीक्षण करवाया गया था। भांगयुक्त मुनक्का गोली को बनाने हेतु आयुष विभाग के द्वारा ड्रग लायसेंस जारी किया जाता है एवं भांग का औषधीय उपयोग हेतु आबकारी विभाग द्वारा लाइसेंस जारी किया जाता है। उक्त दोनों से संबंधित प्रावधानों के अनुरूप कार्य संस्थाओं द्वारा किया जा रहा है अथवा नहीं, इसकी विस्तृत जांच की गई।
ड्रग लाइसेंस की शर्तों एवं औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के प्रावधानों के पालन के संबंध में जांच की गई एवं सैंपल भेजे गए। उपरोक्त निरीक्षणों/जांच में आयुष विभाग द्वारा लिए गए औषधि सैंपल जांच में अमानक स्तर के पाये गये है । इस पर कार्यवाही करते हुये औषधि नियंत्रक आयुष भोपाल द्वारा उपरोक्त वर्णित इकाईयों को प्रदत्त औषधी अनुज्ञा निलंबित कर दी गई है। परीक्षण हेतु भेजे गये सैंपल में से 03 फर्मों के परीक्षण परिणाम आना शेष है।
:: इकाइयों की जांच में पाई गई विभिन्न अनियमितताएं ::
भांग के औषधीय उपयोग हेतु भांग नियम 2018 के अंतर्गत औषधीय और प्रसाधन वस्तुओं के सद्भावपूर्ण विनिर्माण के प्रयोजन के लिए मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम, 1915 के प्रावधान अनुसार सहायक आयुक्त आबकारी द्वारा लिखित अनुज्ञा के अधीन भांग रखी जा सकती है। किंतु उक्त अधिनियम के नियमों का पालन भी आवश्यक है। इसी क्रम में आबकारी विभाग द्वारा जांच की गई, जिसमें पाया गया कि इन्दौर जिले में मुनक्का बनाने वाली इकाईयों में भांग के लेखा-जोखा का संधारण नियमानुसार दिनांकवार नहीं किया गया है। जिससे भांग के दुरूपयोग की प्रबल संभावना बनती है। फर्म द्वारा निर्धारित अभिलेख का संधारण न करने से स्पष्ट पाया गया कि, फर्म द्वारा अनाधिकृत तरीके से भांग प्राप्त की है तथा निर्मित उत्पाद का व्ययन किया है। फर्म की जांच के दौरान अनुज्ञप्त औषधी / वटी निर्माण हेतु निर्धारित फार्मूला में उल्लेखित अन्य पदार्थ नहीं पाये गये है। इससे स्पष्ट होता है कि फर्म द्वारा अनुज्ञप्ति (औषधी / वटी निर्माण) के विपरित फर्म द्वारा औषधी / वटी का निर्माण नहीं किया जाकर औषधी / वटी के नाम पर विस्तृत रूप से सस्ते नशे में प्रयुक्त नशे की भांग गोली व उत्पाद का व्ययन किया गया है।
कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देश पर प्रभारी सहायक आयुक्त आबकारी एवं अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी द्वारा भांग मुनक्का बनाने वाली समस्त 15 एच.डी.-1ए इकाईयों को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किये गये। उपरोक्त कारण बताओ सूचना पत्र के समाधानकारक उत्तर प्राप्त न होने से आज 19 सितम्बर को को समस्त 15 इकाईयों को जारी एच.डी. -1ए लायसेंस निलंबित किये गये है।
कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि इन्दौर जिले में अवैध रूप से मुनक्का बनाने वाली इकाइयों द्वारा निर्मित किए जा रहे नशीले पदार्थों की नियमित रूप से जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को नशे की गर्द में धकेलने वाले भांग माफियाओं के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा सतत रूप से अभियान भी चलाया जाएगा।