निप्र,मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के जावरा कृषि विज्ञान केंद्र कालूखेड़ा द्वारा एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का पिपलोदा तहसील स्थित उमेदपुरा पंचायत के ग्राम संभल गढ़ में आयोजन किया गया जिसके अंतर्गत किसानों को खेती पशुपालन एवं तकनीकी प्रशिक्षण के साथ पशुओं को आहार देने के संबंध में पशु चिकित्सक डॉ सुशील कुमार द्वारा एजोला प्रोटीन की सहायता से दुधारू पशुओं को खर आदी मे मिलाकर खिलाने से दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को प्रेरित किया गया ओर लंपी वायरस की रोकथाम के लिए पशुओं को संक्रमित पशुओं से दूर रखने व समय-समय पर पशु चिकित्सक को दिखाने व नियमित जांच कराने के लिए कहा गया, वही कृषि विशेषज्ञ डॉक्टर ज्ञानेन्द्र प्रताप तिवारी द्वारा अधिक बारिस से हो रही फ़सलों को हानी इल्ली आदि के नुकसान से बचाने के लिए विषेश रूप से सफेदी मक्खी के लिए थायोमेथोक्साम 25% डब्ल्यू जी को 100 ग्राम मात्रा मे 500 लीटर पानी मे घोल कर छिड़काव करने,ओर इल्ली के लिए प्रोफेनोफोस/profenophos 50% Ec 500mm मात्रा 500 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करने तथा , इमामेक्टिन बेंजोएट 5% फ्रूट-बोरर 425 ग्राम मात्रा 500 लीटर पानी मे डालकर छिड़काव के द्वारा रिंग जेसी चक्र भृंग / रिंग कटर-(गर्डल बीटल) इल्ली को मारने के लिए विशेष उपाय बताए गए,वही मक्का के लिए भी इमामेक्टिन बेंजोएट का छिड़काव करने का प्रयोग बताया गया, डॉ . तिवारी द्वारा खेतो मे जल निकासी कर बारीश के जल को खेत से बाहर करने के लिए कहा गया उन्होँने बताया की अधिक जल से पौधो की पत्तियाँ पीली पड़ सकती हे,प्रशिक्षण के दौरान खेतों पर सोयाबीन व मक्का की फसलो का निरक्षण भी किया गया वही किसानों को किसी भी खेती व पशुपालन संबंधित जानकारी के लिए कृषि विज्ञान केंद्र से परामर्श लेने के लिए कहा गया।