नलखेड़ा (प्रदीप चौेबे) – नगर के प्रतापपुरा राधा कृष्ण मंदिर के पास चल रही सप्त दिवसीय श्रीमद भागवत कथा के दूसरे दिन पंडित श्री दुर्गेश जी नागर ने भगवान शिव पार्वती के विवाह का प्रसंग श्रोताओं को रसपान कराया।पंडित श्री नागर ने बताया कि शांति सुख प्राप्त करने के लिए गौ सेवा, ब्राह्मण सेवा, अतिथि का सत्कार, तुलसी माता की पूजा हमें करना चाहिए ।उन्होंने बताया कि घोर तपस्या करने के बाद पार्वती जी को पति के रूप में भगवान शिव की प्राप्ति हुई थी।कथा में भगवान शिव पार्वती का विवाह किया गया जिसमे युवतियों की आकर्षक साज सज्जा की गई और उन्हें भगवान शिव पार्वती बनाया गया जिसका श्रोताओं ने दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया,कथा में बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित थे।जल, फुल, फल, में भगवान का स्वतः निवास रहता है – पंडित श्री नागर
नलखेड़ा (प्रदीप चौबे)- नगर के प्रतापपुरा राधा कृष्ण मंदिर के पास चल रही सप्त दिवसीय श्रीमद भागवत कथा के दूसरे दिन पंडित श्री दुर्गेश जी नागर ने भगवान शिव पार्वती के विवाह का प्रसंग श्रोताओं को रसपान कराया।पंडित श्री नागर ने बताया कि शांति सुख प्राप्त करने के लिए गौ सेवा, ब्राह्मण सेवा, अतिथि का सत्कार, तुलसी माता की पूजा हमें करना चाहिए ।उन्होंने बताया कि घोर तपस्या करने के बाद पार्वती जी को पति के रूप में भगवान शिव की प्राप्ति हुई थी।कथा में भगवान शिव पार्वती का विवाह किया गया जिसमे युवतियों की आकर्षक साज सज्जा की गई और उन्हें भगवान शिव पार्वती बनाया गया जिसका श्रोताओं ने दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया,कथा में बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित थे।Show quoted text