पूजे चरण परसे पकवान दिया उपहार
कन्या रूपी आई माताओं ने बरसाया आशीर्वाद
उज्जैन । चैत्र नवरात्रि में स्वर्णिम भारत मंच के तत्वावधान में शक्ति आराधना कार्यक्रम का आयोजन निशुल्क भोजन शाला परिसर बीमा हॉस्पिटल गाड़ी अड्डा चौराहा आगर रोड़ पर रविवार को किया गया । जिसमें 11 वर्ष तक की 551 कन्याओं को चरण पूजन के साथ उपहार देकर भोजन कराया गया ।
स्वर्णिम भारत मंच के अध्यक्ष दिनेश श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि मंच की ओर से दोनो नवरात्रि में कन्या चरण पूजन एवम भोज का आयोजन निशुल्क भोजनशाला परिसर बीमा हॉस्पिटल गाड़ी अड्डा चौराहा आगर रोड़ पर किया जाता है । इस वर्ष यह आयोजन भव्य पैमाने पर किया गया । जिसमे 11 वर्ष तक की 551 कन्याओं के चरण पूजे । हालांकि 909 कन्याओं के चरण पूजन का लक्ष्य निर्धारित किया था परंतु मौसम खराब होने के कारण कन्याओं की संख्या को कम किया गया । यह आयोजन संभालने की जिम्मेदारी स्वर्णिम भारत मंच की महिला इकाई ने निभाई । महिलाओं के अथक सहयोग से ही शक्ति आराधना कार्यक्रम में जितनी कन्या आई उनके चरण धोकर महावर लगाया सभी को टिकी लगकर चरण पूजन कर उपहार और भेंट देकर विदा किया ।
शक्ति आराधना कार्यक्रम में , डॉक्टर सोनल सिंह , निलेश खंडेलवाल , पंडित जस्सू गुरु , अनुपमा श्रीवास्तव, विरेंद्र सिंह ठाकुर ,पिंकी निगम , शशि श्रीवास्तव, शक्ति वर्मा , जितेंद्र पाल , विरेंद्र सिंह राजावत, अशीष पंवार, रक्षा अष्ठाना , निशा राजावत, श्रुति खंडेलवाल , रजनी कुलश्रेष्ठ , नेहा श्रीवास्तव, सीमा निगम , कविता पाल , चेतन श्रीवास्तव , अशीष अष्ठाना, श्वेता श्रीवास्तव, जितेंद्र रायकवार, यशवंत सिंह नंदवंशी , महेंद्र श्रीवास्तव , संतोष निगम ,अशीष श्रीवास्तव आदि की भूमिका रही ।
कन्या पूजन से होती है देवी प्रसन्न
ॐ श्री दुं दुर्गायै नमः ।। ॐ श्री कुमार्यै नमः ।। या देवी सर्वभूतेषु ‘कन्या ‘ रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि में देवी आराधना के लिए भगवान भोलेनाथ ने 9 देवियों के 9 पृथक पृथक दिन बनाए है । इस दिन शक्ति उपासना के लिए मनुष्य एक एक दिन एक एक देवी की उपासना आराधना कर शुभ फल प्राप्त कर सकता है । भगवान शिव ने वरदान दिया की कोई कठिन उपवास या विधि विधान से पूजा नही कर पाता है तो वो नव शक्ति रूपा कन्यापूजन भी कर सकता है जिससे कलयुग में देवी प्रसन्न होती है ।
कन्या पूजन का शुभ फल :– नवरात्रि में सभी शुभ कार्यों का फल प्राप्त करने के लिए कन्या पूजन किया जाता है । कुमारी पूजन से सम्मान, लक्ष्मी, विद्या और तेज़ प्राप्त होता है इससे विघ्न, भय और शत्रुओं का नाश भी होता है. होम, जप और दान से देवी मां दुर्गा इतनी खुश नही होती जितनी कन्या पूजन से होती हैं।
नवरात्रि में कन्या पूजन करने का विधान रहा है। कन्याओं को आदर सत्कार से बुलाकर उनकी पूजा की जाती है और फिर भोजन करवाया जाता है। कन्या पूजन के बाद ही नवरात्रि की पूजा संपूर्ण मानी जाती है। मान्यता है कि मां दुर्गा के नौ स्वरूपों को मानकर कन्या पूजन किया जाता है।
नवरात्रि का पर्व कन्या पूजन के बगैर अधूरा है. ऐसे में कई लोग अष्टमी को तो कई नवमी को कन्या पूजन करते हैं. इस दौरान मां दुर्गा के 9 स्वरूपों के प्रतीक के रूप में 9 या अधिक 11 वर्ष तक की कन्याओं को प्रेम भाव से भोजन कराया जाता है. इसके बाद उन्हें सामर्थ्य अनुसार उपहार देकर और उनसे आशीर्वाद लेकर विदा किया जाता है।।