उज्जैन, 31 अक्टूबर । देश में सबसे पहले दीपावली का त्यौहार उज्जैन ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में मनाया गया। गुरुवार तड़के भस्म आरती में महाकाल को गर्म जल से स्नान कराया गया। पुजारी परिवार की महिलाओं ने भगवान को केसर, चंदन, इत्र का उबटन लगाया। अन्नकूट का भोग भी लगाया गया। फुलझड़ी जलाकर रूप चौदस और दिवाली की शुरुआत की गई।
महाकाल मंदिर के पुजारी महेश शर्मा ने बताया कि सुबह चार बजे भस्म आरती के दौरान स्नान के बाद महाकाल का दूध, दही, घी, शहद और फल के रस से बने पंचामृत से अभिषेक पूजन किया गया। कार्तिक मास की चौदस से ठंड की शुरुआत मानी जाती है। इसलिए महाकाल को गर्म जल से स्नान कराया गया। आज से महाशिवरात्रि तक भगवान गर्म जल से ही स्नान करेंगे। उन्होंने बताया, रूप चौदस होने के चलते भगवान को पुजारी परिवार की महिलाओं ने सुगंधित द्रव्य से बना उबटन लगाया। भगवान के शृंगार के बाद भोग के रूप में अन्नकूट अर्पित किया। इसमें धान, खाजा, शक्कर पारे, गूंजे, पपड़ी, मिठाई समेत भोग की थाली में मूली, बैंगन की सब्जी अर्पित की गई। इसके बाद दिव्य भस्म आरती की गई। साथ ही फुलझड़ी जलाकर दिवाली का पर्व मनाया गया।
उज्जैन में महाकाल मंदिर के अलावा मध्य प्रदेश की अयोध्या यानी ओरछा में रामराजा मंदिर समेत राज्य के दूसरे मंदिरों पर अलौकिक-अतुलनीय छटा बिखरी है। राजधानी भोपाल की रंगत देखते ही बन रही है तो अहिल्या बाई की नगरी और प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर समेत जबलपुर, ग्वालियर भी पीछे नहीं हैं। दीपावली के स्वागत के लिए मध्य प्रदेश एक दिन पहले 30 अक्टूबर को पूरी तरह जगमगा उठा है। गली, मोहल्ले, शॉपिंग मॉल्स, सरकारी-गैर सरकारी बिल्डिंग्स पर रंगबिरंगी लाइटिंग है। आसमान में आतिशबाजी और जमीन पर दीयों-झालरों की रोशनी है।