लैम्बॉर्गिनी सुपरकारों ने उत्तर एवं दक्षिण भारत की यात्रा की, लैम्बॉर्गिनी इंडिया भारत की सड़कों पर 800
कारों के उपलब्धि तक पहुंचने की दिशा में तेज़ी से बढ़ रही है
भारत, 18 दिसम्बर, 2025: लक्ज़री एवं लाईफस्टाइल एक्सपेरिएंशिएल ड्राइविंग प्रोग्राम लैम्बॉर्गिनी
एस्पेरिएन्ज़ा गिरो इंडिया ने अपने 5वें संस्करण का सफल समापन किया, लैम्बॉर्गिनी के 80 से अधिक
उपभोक्ताओं ने उत्तर एवं दक्षिण भारत के शानदार रास्तों पर आयोजित इस प्रोग्राम में हिस्सा लिया और तीन
दिनों के दौरान 1500 किलोमीटर से अधिक दूरी तय की।
पहली बार गिरो ने दो स्वतन्त्र रूप से क्यूरेट किए गए मार्गों का अनुसरण किया- एक का नेतृत्व हमारी
दिल्ली-मुंबई डीलर टीम के द्वारा तथा दूसरी का नेतृत्व बैंगलुरू द्वारा किया गया। दोहरे रूट के इस फोर्मेट से
उपभोक्ताओं को अपने घर के नज़दीक ही गिरो में शामिल होने का फायदा मिला, साथ ही उन्हें ऐसे गैर-
पारम्परिक एवं खास रास्तों को एक्स्प्लोर करने का मौका भी मिला, जो आमतौर पर पारम्परिक ड्राइव में
शामिल नहीं होते।
उत्तरी रूट ने हरियाणा, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश के सांस्कृतिक रूप से समृद्ध एवं अरावली के शानदार
इलाकों की यात्रा का अनुभव प्रदान किया। यह काफ़िला हरियाणा से होते हुए रेगिस्तानी-झाड़ियों वाले
इलाकों, घुमावदार क्षेत्रीय सड़कों से होकर गुजरा और 14वीं सदी के भव्य किले बरवारा किले पर पहुंचा।
इसके बाद उत्तर प्रदेश के हेरिटेज कॉरीडोर से होते हुए दुनिया के सात अजूबों में से एक ताजमहल की ओर
बढ़ा। रास्ते में मेहमानों को बेहतरीन ड्राइव, सांस्कृतिक स्थलों और यादगार पलों का अनुभव प्राप्त हुआ,
जिन्होंने उत्तरी भारत की ऐतिहासिक भव्यता का जश्न मनाया। वहीं दक्षिणी रूट की बात करें तो यह कर्नाटक
और बैंगलुरू से होकर गुज़रा, इस मार्ग पर आधुनिकता और परम्परा का संयोजन देखने को मिला। शहर के
बुलेवार्ड से, काफिला घुमावदार हाइवे से होते हुए कूर्ग की हरी-भरी पहाड़ियों में पहुंचा, जिसके बाद मैसूर के
लिए एक सांस्कृतिक रूप से समृद्ध ड्राइव हुई। इस यात्रा में मैसूर के महाराजा द्वारा शानदार मेहमाननवाज़ी
की गई और मैसूर पैलेस जैसे मशहूर स्थानों का दौरा किया गया, इस खूबसूरत ड्राइव में ऐतिहासिक भव्यता
और दक्षिण भारत की सांस्कृतिक समृद्धि का संयोजन स्पष्ट रूप से झलक रहा था।
दोनों क्षेत्रों में, एस्पेरिएंज़ा गिरो इंडिया 2025- 40 से अधिक लेम्बोर्गिनी कारों और 80 से ज़्यादा उपभोक्ताओं
और मेहमानों को एक साथ लाया, जिससे भारत में बढ़ते लेम्बोर्गिनी समुदाय की ताकत की पुष्टि हुई।
‘लैम्बॉर्गिनी के लिए भारत सबसे जीवंत और सबसे तेज़ी से विकसित होते मार्केट्स में से एक बना हुआ है।
तकरीबन 8000 कारों और पहली बार सुपरकार खरीदने वालों की बढ़ती संख्या के साथ, सक्रिय युवा
उपभोक्ताओं का झुकाव बढ़ रहा है, जो परफोर्मेन्स एवं इनोवेशन को महत्व देते हैं। हमारी पूरी तरह से
हाइब्रिड की गई प्रोडक्ट रेंज इसी संवेग को दर्शाती है और गिरो जैसे आयोजन ब्राण्ड के साथ हमारे
उपभोक्ताओं के संबंधों को मजबूत बनाने के लिए अनुकूल मंच प्रदान करते हैं। लैम्बॉर्गिनी भारत में अपने
फुटप्रिन्ट का विस्तार कर रही है और हम उन्हें वाहन की खरीद का ऐसा अनुभव प्रदान करना चाहते हैं जो इस
बाज़ार की अनूठी ऊर्जा, महत्वाकांक्षा एवं विविधता को प्रतिबिंबित करता है।’निधी कैस्था, हैड, लैम्बॉर्गिनी
इंडिया ने कहा।
