इंदौर। रुस्तम के बगीचे स्थित सीतलामाता मंदिर परिसर में आयोजित श्री शिवमहापुराण कथा के तृतीय दिवस पर भगवान शिव एवं माता पार्वती के पावन विवाह प्रसंग का भव्य एवं भावपूर्ण आयोजन संपन्न हुआ। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही और पूरा परिसर शिवमय वातावरण में डूबा नजर आया।
शिव-पार्वती विवाह प्रसंग के दौरान भक्ति संगीत की मधुर प्रस्तुतियों पर श्रद्धालुओं ने उत्साहपूर्वक नृत्य किया। पुष्प वर्षा, मंगल गीतों और जयकारों के बीच आयोजन स्थल भक्तिरस से सराबोर हो गया।
इससे पूर्व अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त कथा वाचक आचार्य पुष्पानंद जी महाराज (पं. पवन तिवारी जी कांटाफोड़ वाले) ने राजा दक्ष एवं माता सती की प्रेरणादायी कथा का भावपूर्ण वर्णन किया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार भगवान शिव के अपमान को सहन न कर पाने के कारण माता सती ने अपने प्राण त्याग दिए और पुनः माता पार्वती के रूप में जन्म लेकर भगवान शिव से विवाह किया। कथा के दौरान श्रद्धालु भावविभोर हो उठे।
कार्यक्रम में एमआईसी सदस्य नंदकिशोर पहाड़िया ने विधिवत श्री शिवमहापुराण का पूजन किया। आयोजन समिति के सुनील ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि कथा के आगामी दिनों में भी शिवमहापुराण के विविध प्रसंगों का सजीव एवं रोचक वर्णन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बुधवार को कथा प्रांगण में भव्य सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया जाएगा, जिसमें आकर्षक झांकियों का दर्शन भी श्रद्धालुओं को प्राप्त होगा।
बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की सहभागिता से आयोजन निरंतर भव्य रूप ले रहा है और पूरा वातावरण भक्तिमय बना हुआ है।