इंदौर। पश्चिम क्षेत्र विद्युत कंपनी कंपनी को इस कैलेंडर वर्ष की आखिरी लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण में आशातीत सफलता मिली है। लोक अदालत में बिजली वितरण कंपनी के 6793 प्रकरण निराकृत हुए हैं, 5111उपभोक्ताओं, बिजली उपयोगकर्ताओं को 2.30 करोड़ रू की छूट नियमानुसार , पात्रता अनुसार प्रदान की गई है । विद्युत वितरण कंपनी को 10.93 करोड़ रू का राजस्व प्राप्त हुआ है। इस दौरान सबसे ज़्यादा इंदौर जिले से करीब दो करोड़, देवास जिले से डेढ़ करोड़ रू से ज्यादा, उज्जैन जिले से करीब सवा करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है। लोक अदालत को प्रभावी बनाने के लिए कंपनी क्षेत्र के 15 जिलों में हजारों नोटिस जारी कर समझौते के लिए उपभोक्ता, उपयोगकर्ता को तैयार कर ऊर्जा विभाग के आदेशानुसार छूट प्रदान करने की प्रभावी तैयारी की गई थी। मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी प्रबंध निदेशक अनूप कुमार सिंह के मार्गदर्शन में मुख्य सतर्कता अधिकारी श्री एसआर बमनके ने सतर्कता और मैदानी कार्मिकों के माध्यम से लोक अदालत के लिए सघनतम प्रयास किए थे। कंपनी क्षेत्र के सभी 15 जिलों में लोक अदालत के लिए दो हजार से ज्यादा कार्मिकों ने अधिक से अधिक प्रकरण हल कराने के निमित्त सेवाएं दी। इस लोक अदालत में 10 लाख रूपए तक के सिविल दायित्व के प्रकरणों में समझौते की सीमा निर्धारित थी। विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135, धारा 126 के तहत दर्ज बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरणों का समझौता किया गया। प्री लिटिगेशन स्तर सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एवं ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट, लिटिगेशन स्तर के प्रकरणों में आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत एवं ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत छूट निर्धारित थी। धारा 126 के प्रकरणों में सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत एवं विलंब होने पर ब्याज में सौ प्रतिशत की छूट देय थी।
