
तत्वज्ञ श्री धर्मेन्द्रमुनिजी सहित मुनिमण्डल सह मधुबालाजी आदि ठाणा का भव्य मंगल प्रवेश
अभी तो यह झांकी है गुरुदेव का आना बाकी है
विवेक व्यास कि रिपोर्ट माधव एक्सप्रेस
थांदला। जिन शासन गौरव जैनाचार्य पूज्य श्री उमेशमुनिजी म.सा. “अणु” की पाट परम्परा को दीपा रहे थांदला गौरव संघ हित चिंतक तत्त्वज्ञ पूज्य श्री धर्मेंद्रमुनिजी म.सा., रोचक वक्ता पू. श्री संदीपमुनिजी म.सा., पू. श्री हेमंतमुनिजी म.सा., पू. श्री अतिशयमुनिजी म.सा., पू. श्री प्रशस्तमुनिजी म.सा., पू. श्री सुयशमुनिजी म.सा., पू. श्री प्रसन्नमुनिजी म. सा. आदि ठाणा- 7 का फॉरेस्ट चौकी (पेटलावाद रोड) से थांदला लगभग 11 किलोमीटर का उग्र विहार कर पौषध भवन स्थानक पर हुआ मंगल प्रवेश हुआ वही सौम्य मूर्ति पूज्या श्री मधुबालाजी म.सा., संस्कार दात्री पू. श्रीसुनीताजी म.सा., मधुर व्याख्यानी पू. श्री श्रद्धाजी म.सा. आदि ठाणा -3 का आज कोदली (पेटलावाद) मेन रोड रेशम केंद्र से लगभग 16 किलोमीटर का उग्र विहार कर दौलत भवन स्थानक पर हुआ मंगल प्रवेश हुआ। समस्त संत एवं सतियाजी म.सा. के मंगल पदार्पण के लिए बड़ी संख्या में श्रावक श्वेत वस्त्र, श्राविकाओं ने केसरिया वस्त्र पहनकर विहार में शामिल हुए। इस अवसर पर बच्चों में उत्साह चरम पर था। देखों देखों कौन पधारें – भक्तों के भगवान पधारें, संयम जिनका सख्त है – तभी तो लाखों भक्त है व गुरुदेव के चारों तरफ गगन भेदी नारों के साथ युवाओं ने गुरुभगवंतों का मंगल प्रवेश करवाया। गुरुभगवंतों का थांदला अक्षय तृतीया महोत्सव के अंतर्गत मुमुक्षु ललित भंसाली व मुमुक्षु नव्या शाहजी के दीक्षास प्रसंग व वर्षीतप आराधकों की तप शुद्धि आलोचना को लेकर थांदला में आना हुआ है। इस अवसर पर यह पहला संयोग भी है कि थांदला रुनवाल परिवार के एक ही परिवार से दीक्षित चार महान सन्तों का भी एक साथ मंगल प्रवेश हुआ है। इस असवर पर धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए तत्वज्ञ पूज्य श्री धर्मेन्द्रमुनिजी ने कहा कि भगवान की वाणी को बिना मन से सुनने पर रोहणीय चोर को भी लाभ हो गया था ऐसे में यदि मन से सुनकर उसे आचरण में लाने का लाभ तो अनन्त लाभ देने वाला है। आपश्री ने कहा कि धर्म में तप का फल विशेष निर्जरा का हेतु है ही परन्तु संयम का महत्व उससे कही गुना अधिक है। आज भी देखों तो यहाँ वर्षीतप के आरधक 325 के लगभग है तो दीक्षा केवल दो ही है यह 1 प्रतिशत से भी कम है इसका मतलब दिक्षा के अवसर दुर्लभ ही होते है ऐसे में जो संयम का आचरण कर उसे दृढ़ता से पालन करता है तो वह अल्प भवि बन जाता है इसलिए सबको दीक्षा व तप की अनुमोदना में शामिल होकर अपनी अंतराय तोड़ना है। रोचक वक्ता पूज्य श्री संदीपमुनिजी ने रोचक शैली में कहा कि जीव सुनकर ही कल्याण व पाप दोनों ही मार्ग को जानता है फिर सही मार्ग का आचरण कर वह अपना जन्म सफल बना सकता है। आपश्री ने कहा कि कान वाला जीव ही सुनता है लेकिन सभी कान वालें जीव सुने यह जरूरी नही। फिर कान हो और मन न हो तो भी सुनने का लाभ नही होता ऐसे में मन से जिनवाणी को सुनकर उसे सही रूप से समझकर आचरण में लाने से ही फायदा होता है। आपश्री ने स्पष्ट किया कि संत पारणा करवाने नही आते लेकिन तपस्वियों की तप शुद्धि रूप आलोचना करवाने आते है ऐसे में संघ उन तपस्वियों के पारणें की व्यवस्था कर देता है जिससे यह स्वरूप बन गया है। इस बार दो दीक्षा का विशेष प्रसंग थांदला में आया है इसलिए सब संयम नही ले सकते व तप नही कर सकते तो कम से कम उनकी अनुमोदना करके भी अपने कर्मों की निर्जरा कर सकते है।
अभी तो यह झांकी है गुरुदेव का आना बाकी है
जानकारी देते हुए संघ अध्यक्ष भरत भंसाली, सचिव प्रदीप गादिया, प्रवक्ता पवन नाहर ने बताया कि आज गुरुभगवंतों के मंगल प्रवेश में स्थानकवासी जैन श्रीसंघ के साथ ही मूर्तिपूजक संघ, दिगम्बर संघ व तेरापंथ सभा के सैकड़ों श्रावक श्राविकाओं व बच्चों की सहभागिता से थांदला का माहौल बदल गया है। आज थांदला संघ में 10 संत-सतियों का आगमन हुआ है वही प्रवर्तक श्री जिनेन्द्रमुनिजी म.सा. का आगमन अभी होना है जिसको लेकर भी भव्य माहौल बन रहा है। उग्र तपस्वीराज पूज्य श्री दिलीपमुनिजी, पूण्य पुंज पुण्यशीलाजी, संयम रुचिका पूज्या श्री संयमप्रभाजी सहित अन्य सन्त-सतियों का भी आसपास के क्षेत्रों से थांदला क़ि ओर विहार चल रहा है जिनका सप्ताह अंत तक थांदला में मंगल प्रवेश की संभावना है।
दीक्षा महोत्सव व वर्षीतप की तैयारिया जोरो पर
संघ प्रवक्ता समकित तलेरा, ललित जैन नवयुवक मंडल अध्यक्ष रवि लोढ़ा व सचिव संदीप शाहजी ने बताया कि संघ में व्यापक तौर पर अक्षय तृतीया महोत्सव की तैयारियां चल रही है। इस बार ऐतिहासिक दो दीक्षा प्रसंग व 325 से अधिक वर्षीतप पारणें होने से हजारों की संख्या में श्रवाक-श्राविकाओं का आना होगा ऐसे में आवास प्रभारी जितेंद्र घोड़ावत, भोजन व्यवस्था प्रभारी दिलीप शाहजी व अनिल भंसाली, तपस्वी बैठक व्यवस्था कपिल पीचा, अंकित जैन सहित अन्य व्यवस्थाओं के लिए विभिन्न समितियां बनाकर सबको जिम्मेदारी सौंप दी गई है। ट्राफिक व्यवस्था व अन्य बाहरी व्यवस्थाओं में अन्य सेवा संगठन सेवा भारती, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ तथा पुलिस प्रशासन से भी सम्पर्क किया गया है जिनका भी सहयोग मिल रहा है। प्रवक्ता पवन नाहर ने बताया कि इस बार के वर्षीतप के सकल पारणा लाभार्थी स्व. शांताबाई सुरेन्द्रकुमार (नाकुसेठ) तलेरा परिवार है वही दिक्षार्थी परिवार ने एक दिन पूर्व आयोजन का लाभ लिया है।
सन्त परिवार का होगा बहुमान
पूज्य श्री धर्मदास गण परिषद व थांदला श्रीसंघ के बैनर तले दो दीक्षा व वर्षीतप पारणा महोत्सव का आयोजन हो रहा है वही पूज्य श्री धर्मदास सम्प्रदाय के संत-सतियों के परिवार का बहुमान का आयोजन भी किया जा रहा है। गण परिषद के मीडिया प्रभारी पवन नाहर ने बताया कि गण परिषद के ऊर्जावान अध्यक्ष भरत भंसाली व महामंत्री शैलेश पीपाड़ा सहित गण परिषद के पदाधिकारियों ने सकल संत-सतियों के परिवार के बहुमान का आयोजन भी रखा है जिसका लाभ रत्नकुक्षी माता श्रीमती तारादेवी सुंदरलाल भंसाली परिवार ने लिया है। यह पहला अवसर होगा जब एक साथ करीब 84 परिवारों का बहुमान किया जायेगा। इसी के साथ सकल आयोजन पूज्य श्री धर्मदास गण परिषद की नियमानुसार मर्यादा में रहकर अल्प आरंभ के साथ सम्पन्न किये जायेंगें। श्रीसंघ सह तलेरा परिवार, भंसाली परिवार व शाहजी परिवार ने सभी गुरुभक्तों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में पधारकर गुरुभगवंतों के दर्शन, वंदन व मांगलिक श्रवण का लाभ लेते हुए संयम व तप अनुमोदना का लाभ लेने की अपील की है।