निप्र,जावरा मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में बढ़ते डेंगू के मरीज लेकिन लापरवाह प्रदेश सरकार का ध्यान शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर पूरा अधर में है जिसका बड़ा कारण प्रदेश सरकार का प्राइवेटाइजेशन को बढ़ावा देना है ,शासकीय अस्पतालों में सिर्फ जर्जर होती दिवाले ओर सर्जिकल डॉक्टरों की कमी नजर आती है,जिले का मुख्य जावरा शासकीय अस्पताल में जर्जर होती छतों पर पीवीसी सीट लगाकर अस्पताल की रौनक तो बड़ाई गई लेकिन महज दस महीनों में सीटे छत से निकलने लगी है,
लेकिन दिखावटी विकास में लगे रुपयों की सुध कोई नही लेगा,वही महिला अस्पताल में महिला रोग विशेषज्ञ का न होना एवं शासकीय अस्पताल में ह्रदय रोग विशेषज्ञ न होना ,जनता को गम्भीर बीमारियों के इलाज के कारण प्राइवेट अस्पतालों में लुट का शिकार होना पड़ता है, देश के विकास में मध्यप्रदेश राज्य के विस्तार के बाद से ही स्वास्थ्य व्यवस्था में मध्यप्रदेश पीछे रहा है ,जिसका बड़ा कारण राज्य के पूर्व से लेकर वर्तमान तक के राज्य के कमजोर सत्ता धारी मन्त्रियों ओर विपक्षी दलों की अनदेखी का है ,शासकीय अस्पतालों की डॉक्टर एवं शल्य चिकित्सा व्यवस्थाओं में कोई सुधार नही हो पाया है,वर्तमान में हमीदिया की घटना प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था का जीता जागता सबुत है जहाँ लापरवाही भेट चढ़े नवजात शिशु दुनिया की दहलीज पर पैर रख आग के शिकार हो गए,जहाँ प्रदेश सरकार दुख व्यक्त कर जांच तक सीमित रह गई, प्रदेश में शासकीय अस्पतालों में डॉक्टरों एवं स्टाफ़ की कमी एवं अत्याधुनिक जाँच मशीनो की कमी से अस्पताल सिर्फ दिखावटी नजर आते है,दुर्घटना में गम्भीर मरीज हो या लाईलाज बीमारियों से त्रस्त मरीज प्रदेश के मंत्री सिर्फ प्राइवेट अस्पतालो के फीते काटते नजर आते है।