
इस विश्व जल दिवस पर, अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड यह वादा करती है कि वह पानी के सही इस्तेमाल और अच्छी व्यवस्था के द्वारा पानी की जिम्मेदारी से देखभाल करेगी। अल्ट्राटेक के वाटर मैनेजमेंट से जुड़े सभी कार्य परिसर के अन्दर तथा उन समिदयों को बेनिफिट देते है जहाँ कंपनी काम करती है
मध्य प्रदेश में अल्ट्राटेक अपनी कंपनी के दो इंटीग्रेटेड धार सीमेंट वर्क्स और विक्रम सीमेंट वर्क्स, उन इलाकों में सुधार के लिए लगातार काम कर रहे हैं जहाँ पानी की कमी है, मिट्टी का कटाव हो रहा है और फसलें ठीक से नहीं उग रही हैं।
धार में हर साल ग्राउंड वाटर 0.025 से 1.14 मीटर तक कम हो रहा था। इसलिए धार सीमेंट वर्क्स ने 2019-20 में फैक्ट्री के आसपास के गाँवों में वाटर कंज़र्वेशन की योजना शुरू की। यह योजना छह गाँवों – टोंकी, करौंदिया, देवड़ा, मुहाली, सोंडुअल और बोरली में लागू की गई। इन इलाकों तक पानी ले जाने के लिए 10 चेक डैम बनाए गए, 5 तालाबों को गहरा किया गया और 4 पुराने जल स्रोतों (बावड़ियों और कुओं) की मरम्मत की गई। बारिश के पानी को इकट्ठा करने के इन तरीकों से 84,750 क्यूबिक मीटर से ज़्यादा पानी इकट्ठा करने की जगह बन गई है, जिससे 2024 में 1,00,000 क्यूबिक मीटर से ज़्यादा पानी ज़मीन में वापस गया और ग्राउंड वाटर 1-2 मीटर तक बढ़ गया। इकट्ठा किए गए बारिश के पानी से लगभग 150 हेक्टेयर ज़मीन को सिंचाई के लिए पानी मिलता है, और वाटर कंज़र्वेशन के कामों से 189.5 एकड़ बंजर ज़मीन को खेती के लायक बनाया गया है। इस योजना से इन गाँवों में रहने वाले 2500 से ज़्यादा घरों के लगभग 5700 लोगों को फ़ायदा हुआ है।
विक्रम सीमेंट वर्क्स ने मध्य प्रदेश सरकार के साथ एक mou साइंड किया , जिसके तहत सरकार के साथ मिलकर लगभग 5742 हेक्टेयर ज़मीन पर वाटर कंज़र्वेशन की एक बड़ी योजना लागू की गयी है । यह योजना सरकारी और निजी भागीदारी से हुई हैं । अठारह गाँवों को शामिल करने वाली इस योजना में शुरू से अब तक काफ़ी प्रोग्रेस हुई है । अल्ट्राटेक ने 65 बनाए, 400 हेक्टेयर ज़मीन पर बारिश का पानी रोकने के लिए खाइयाँ बनाईं, 175 हेक्टेयर ज़मीन पर पानी ज़मीन में पहुँचाने के लिए गड्ढे बनाए और 21 हेक्टेयर बंजर ज़मीन पर पेड़ लगाए। अल्ट्राटेक ने नीमच जिले में 2100 हेक्टेयर ज़मीन को फ़ायदा पहुँचाने वाले सात गाँवों के लिए बाँधों की मरम्मत और पानी के स्रोतों की सफ़ाई का काम भी किया। बारिश के पानी को इकट्ठा करने के तरीकों से कुल मिलाकर हर साल एक लाख क्यूबिक मीटर से ज़्यादा पानी ज़मीन में वापस गया है। वाटर कंज़र्वेशन के किए गए सभी कामों से ज़मीन के नीचे के पानी का स्तर 1.5 से 2.0 मीटर तक बढ़ गया है। अब वहाँ के किसान साल में तीन बार फ़सल उगा सकते हैं, क्योंकि ज़मीन में पानी रोकने की क्षमता 2 से 3 महीने बढ़ गई है। कुल मिलाकर, विक्रम सीमेंट वर्क्स के पानी बचाने के कामों से लगभग 8000 हेक्टेयर ज़मीन को फ़ायदा हुआ है, जिससे 2100 घरों के 9,000 से ज़्यादा लोगों को लाभ मिला है।
अल्ट्राटेक के जल संरक्षण के लिए किए गए प्रयास
गाँवों में वाटर कंज़र्वेशन के अलावा, अल्ट्राटेक ने अपने फैक्ट्रीज में भी वाटर कंज़र्वेशन कई तरह के काम किए हैं। इसमें बारिश के पानी को इकट्ठा करने के तरीके शामिल हैं, जैसे कि बंद हो चुकी खदानों के गड्ढों को पानी के तालाब बनाना और छतों पर बारिश का पानी इकट्ठा करने के लिए व्यवस्था करना, इसके अलावा इस्तेमाल किए गए पानी को दोबारा इस्तेमाल करना और फैक्ट्रीज में पानी की बचत करने के तरीके अपनाना। अल्ट्राटेक ने अपने कई फैक्ट्रीज में “जीरो लिक्विड डिस्चार्ज” (ZLD) सिस्टम लगाए हैं, ताकि फैक्ट्रीज के अंदर इस्तेमाल हुए 100 प्रतिशत पानी को साफ करके दोबारा इस्तेमाल किया जा सके, जिससे ताजे पानी पर निर्भरता कम हो सके। अल्ट्राटेक हर दो साल में पानी की बचत करने के तरीकों को पहचानने के लिए, उन जगहों पर पानी का हिसाब-किताब भी करता है जहाँ हर दिन 100 क्यूबिक मीटर से ज़्यादा पानी इस्तेमाल होता है।
धार अपनी फैक्ट्री के अंदर भी पानी बचाने के कार्यक्रम चलाता है। सीतापुरी चूना पत्थर की खदानों में, खदान के गड्ढों में पानी इकट्ठा किया जाता है, ताकि पानी को जमा किया जा सके और ज़मीन में पहुँचाया जा सके।FY2024 में 9 लाख क्यूबिक मीटर से ज़्यादा पानी इकट्ठा किया गया, ज़मीन में पहुँचाया गया और दोबारा इस्तेमाल किया गया। जब से यह फैक्ट्री शुरू हुई है, तब से 36 लाख क्यूबिक मीटर से ज़्यादा पानी इकट्ठा किया गया, ज़मीन में पहुँचाया गया और दोबारा इस्तेमाल किया गया है। विक्रम सीमेंट वर्क्स ने अपनी स्थापना से अब तक फैक्ट्री में 73 लाख क्यूबिक मीटर से ज़्यादा पानी इकट्ठा किया है, ज़मीन में पहुँचाया है और दोबारा इस्तेमाल किया है।