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AIMTC ने ASRTU, AITD, और BOCI के सहयोग से 24 जनवरी को हर वर्ष “राष्ट्रीय ड्राइवर दिवस” घोषित किया
नई दिल्ली(ऊषा माहना/माधव एक्सप्रेस)
हम आपको ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) से परिचित कराना चाहते हैं, जो 1936 में स्थापित एक गैर-राजनीतिक, गैर-लाभकारी शीर्ष संगठन है, जो भारत के सड़क परिवहन क्षेत्र (कार्गो एवं यात्री दोनों खंडों) का प्रतिनिधित्व करता है। यह संगठन 95 लाख ट्रक मालिकों, 50 लाख यात्री वाहन संचालकों और 3,500 संघों का प्रतिनिधित्व करता है, जिससे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से 20 करोड़ से अधिक लोग जुड़े होते हैं।
हाल ही में संपन्न हुए चुनावों में डॉ. हरीश सभरवाल को सर्वसम्मति से एआईएमटीसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के प्रतिष्ठित पद के लिए चुना गया है।
AIMTC के नवनिर्वाचित अध्यक्ष, डॉ. हरीश सभरवाल, ने परिवहन क्षेत्र की चुनौतियों को हल करने और सरकार के साथ सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई। उनकी प्रमुख प्राथमिकताएं निम्नलिखित हैं:
* महाराष्ट्र, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ सहित विभिन्न राज्यों में सीमा चौकियों को समाप्त करना।
दिल्ली में प्रदूषण रहित यूरो IV और यूरो VI डीजल ट्रकों पर अनुचित ग्रीन टैक्स वसूली।
* दिल्ली-एनसीआर में 10 साल पुराने डीजल वाहनों पर अव्यावहारिक प्रतिबंध।
* टोल टैक्स दरों में अत्यधिक वृद्धि।
ई-चालान प्रणाली के दुरुपयोग और उसमें व्याप्त भ्रष्टाचार की रोकथाम।
जीएसटी नियमों की विसंगति, जिसमें ई-वे बिल में किसी भी त्रुटि के लिए ट्रक मालिक को दंडित किया जाता है, न कि प्रेषक/प्राप्तकर्ता को।
ट्रकों में VLTD की अनावश्यकता।
* कुछ राज्यों द्वारा MORTH द्वारा जारी AITP की अस्वीकृति।
“राष्ट्रीय ड्राइवर दिवस” की घोषणाः
भारत का परिवहन क्षेत्र देश की जीडीपी का लगभग 7.7% (पीपीपी समायोजित) योगदान करता है। इसमें सड़क परिवहन का प्रमुख स्थान है, जो 2005-06 में 4.5% जीडीपी का योगदान करता था और 9.5% वार्षिक वृद्धि दर के साथ बढ़ रहा है। यह क्षेत्र राष्ट्र की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण स्तंभ है, जो बाजारों, उद्योगों और समुदायों को जोड़ता है।
परिवहन के इस महत्वपूर्ण तंत्र की रीढ़ हमारे ड्राइबर हैं, जिनकी अटूट प्रतिबद्धता से माल और सेवाओं की निर्बाध आपूर्ति बनी रहती है। देश में अनुमानतः 6 करोड़ से अधिक ड्राइवर हैं, जो मुख्य रूप से असंगठित क्षेत्र में कार्यरत हैं। लेकिन उनके अमूल्य योगदान के बावजूद, उन्हें आज तक उचित सम्मान एवं मान्यता नहीं मिली है। इस ऐतिहासिक अवसर पर, एआईएमटीसी ने ASRTU, AITD और BOCI के सहयोग से 24 जनवरी को “राष्ट्रीय ड्राइवर दिवस” के रूप में घोषित किया। इस घोषणा को सुश्री बंसुरी स्वराज, माननीय सांसद (लोकसभा); श्री प्रवेश वर्मा, पूर्व सांसद (लोकसभा): श्री महमूद अहमद, अतिरिक्त सचिव, MoRTH, भारत सरकार; श्री अजय चौधरी, आईपीएस, विशेष पुलिस आयुक्त (ट्रैफिक), दिल्ली; श्री बी. एन. पुरी, निदेशक एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट एवं पूर्व प्रधान सलाहकार, योजना आयोगः श्री रॉबिन हीबू, आईपीएस, विशेष पुलिस आयुक्त, दिल्ली सशस्त्र बलः श्री अनिल चिकारा, पूर्व उप आयुक्त, परिवहन विभाग, दिल्ली सरकार; डॉ. टी. सूर्य किरण, कार्यकारी निदेशक- एएसआरटीयू: श्री अखिलेश श्रीवास्तव, अध्यक्ष इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम्स (आईटीएस) इंडिया फोरम, श्री रामाशंकर पांडे, सामाजिक रक्षा फेलो, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार की गरिमामयी उपस्थिति में घोषित किया गया।
यह पहल एक महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दे को उजागर करती है, जिसका उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था को गति देने और आपूर्ति श्रृंखला को सुचारू रूप से बनाए रखने में ड्राइवरों के महत्वपूर्ण योगदान को पहचाना और सराहा जा सके।
डॉ. हरीश सभरवाल, राष्ट्रीय अध्यक्ष एआईएमटीसी ने कहाः “ड्राइवर परिवहन समुदाय की रीढ़ हैं और AIMTC परिवार का अभिन्न हिस्सा हैं। एआईएमटीसी ड्राइवरों की भूमिका को पहचानता है और उनकी भलाई को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। ड्राइवर, चाहे कार्गो हो या यात्री वाहन, राष्ट्र की जीवनरेखा बनाए रखते हैं, लेकिन उनके स्वास्थ्य, कल्याण और सम्मान की लंबे समय से उपेक्षा की गई है। अब समय आ गया है कि समाज और उद्योग उनके अधिकारों के लिए खड़े हों और उन्हें वह सम्मान, समर्थन और सुविधाएं प्रदान करें, जिनके वे हकदार हैं।”
राष्ट्रीय ड्राइवर्स डे के अवसर पर, देश के सड़क परिवहन के विभिन्न खंडों जैसे ट्रक, बस, राज्य परिवहन उपक्रम, स्कूल बस, टूरिस्ट बस, ऑटो, फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस आदि के उन प्रतिभाशाली ड्राइवरों जिनमें महिला ड्राइवर भी शामिल थीं, को ‘AIMTC’ द्वारा ‘सेवा भूषण सम्मान’ से सम्मानित किया गया, जिनका सड़क सुरक्षा रिकॉर्ड उत्कृष्ट रहा है।
ड्राइवरों के कल्याण हेतु एआईएमटीसी की मांगेंः
ड्राइवर सामाजिक सुरक्षा कल्याण बोर्ड का गठन किया जाए जिसमें एआईएमटीसी के प्रतिनिधि हों।
दुर्घटना मुआवजा ₹5 लाख किया जाए और इसमें ड्राइवर भी शामिल हों।
प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) में ड्राइवरों को शामिल किया जाए।
आयुष्मान भारत योजना के तहत ड्राइवरों को स्वास्थ्य सुरक्षा दी जाए।
ड्राइवरों को ESI के दायरे में लाया जाए
एआईएमटीसी को ड्राइवर विश्राम केंद्रों के लिए प्रस्तावित 1,000 स्थान आवंटित किए जाएं।