इंदौर, कोकिलाबेन अस्पताल – धार निवासी 53 वर्षीय ओमप्रकाश मिस्त्री, जो 107 किलोग्राम वजन के कारण कई स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे, इन्हें डॉ. प्रतीक पोरवाल ने सफल लेप्रोस्कोपिक और बैरिएट्रिक सर्जरी के माध्यम से एक नई जिंदगी दी है।
मरीज को मोटापे के कारण फैटी लीवर, वेंट्रल हर्निया, उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, जोड़ों के दर्द और स्लीप एपनिया आदि कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। नाभि में सूजन और सांस लेने में कठिनाई के साथ वे दो महीने पहले कोकिलाबेन अस्पताल, इंदौर में भर्ती हुए। जांच के दौरान उन्हें ग्रेड 3 फैटी लीवर और बड़े वेंट्रल हर्निया की पुष्टि हुई।
सर्जरी और सुधार:
डॉ. पोरवाल द्वारा की गई लेप्रोस्कोपिक और बैरिएट्रिक सर्जरी के बाद ओमप्रकाश की हालत में आश्चर्यजनक सुधार हुआ। सर्जरी के बाद उनके डायबिटीज और ब्लड प्रेशर सामान्य स्तर पर आ गए, जिससे इन बीमारियों के लिए उनकी दवाएं भी बंद हो गईं। मात्र दो महीने में उनका वजन 21.5 कि.ग्रा. घट गया, जिससे उनकी जीवनशैली में सुधार हुआ और स्लीप एपनिया, खर्राटे लेना व जोड़ों के दर्द आदि सभी समस्याओं से राहत मिली।
स्वास्थ्य पर प्रभाव:
सर्जरी के बाद उनका फैटी लीवर ग्रेड 3 से घटकर ग्रेड 2 पर आ गया, और उनके जीवन की गुणवत्ता में बड़ा बदलाव देखा गया। वजन घटने से उनका आत्मविश्वास और मनोवैज्ञानिक स्थिति भी बेहतर हुई है।
जोखिम कारक:
डॉ. प्रतीक पोरवाल ने बताया कि ‘मोटापा कई बीमारियों की जड़ है। यदि सर्जरी नहीं की जाती, तो लीवर डैमेज होने या लीवर सिरोसिस और बड़े वेंट्रल हर्निया जैसी गंभीर जटिलताएं हो सकती थीं।‘
ओमप्रकाश मिस्त्री का मामला यह दर्शाता है कि मोटापे से जुड़ी समस्याओं को समय पर सही उपचार और सर्जरी के माध्यम से प्रभावी ढंग से हल किया जा सकता है। यही नहीं यदि मोटापा अत्यधिक बढ़ गया हो और वजन कम नहीं हो पा रहा हो तो आजकल मेटाबॉलिक सर्जरी भी काफी मददगार साबित हो सकती है जो अन्य सर्जरी की ही तरह होती है। डॉ. पोरवाल और उनकी टीम की यह उपलब्धि न केवल एक जीवन बचाने का उदाहरण है, बल्कि स्वास्थ्य में सुधार के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को भी प्रोत्साहित करती है।