“सरकार सागरमाला परियोजना के अंतर्गत 136.20 करोड़ रुपये की लागत से तारणीपुर में पुल
बनाने पर सक्रियता से विचार कर रही है”: शांतनु ठाकुर
• पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्गमंत्रालय राष्ट्रीय जलमार्ग 44 पर ड्रेजिंग, नए पुल और
कनेक्टिविटी में सुधार सहित अन्य विकास कार्य कर रहा है
• आईडब्ल्यूएआई 16 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश से स्वरूपनगर में बनाएगा पुल
स्वरूपनगर, 4 जनवरी, 2025: केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग राज्यमंत्री शांतनु ठाकुर
ने आज यहां सिंगल लेन सड़क पुल की आधार शिला रखी। नए आरसीसी पुल को यात्रियों के लिए
सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित करने, निर्बाध नौवहन की सुविधा मुहैया कराने, क्षेत्रीय विकास और
संपर्क लक्ष्यों को समर्थन प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है।
नया आरसीसी पुल 2 टन तक के भार के साथ यात्रियों और माल की सुरक्षित आवाजाही में सहायक होगा।
करीब 16 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इस नए पुल का सभी मौसम में उपयोग किया जा सकेगा।
यह पुल 64 मीटर लंबा होगा तथा इस में दोनों ओर 120 मीटर की एप्रोच सड़कें होंगी। यातायात और
सुरक्षा में सुधार के प्रयासों के तह स्वरूपनगर में इचामती नदी को पार करने के लिए बने मौजूदा बांस के
पुल की जगह इस आरसीसीपुल को बनाया जा रहा है। बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के
अंतर्गत देश में अंतर्देशीय जलमार्ग विकास के लिए नोडल एजेंसी, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण
(आईडब्ल्यूएआई) 16 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश से इस सिंगल लेन पुलका निर्माण कर रही है।
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने कहा, ‘‘आज एतिहासिक अवसर है क्योंकि इलाकों के
लोगों की लंबे समय से प्रतीक्षित इच्छा का सम्मान करते हुए हम स्वरूप नगर में पुल की
आधारशिला रख रहे हैं। इससे न केवल पहुंच आसान होगी बल्कि क्षेत्र के लिए इलाके में आर्थिक
समृद्धि के द्वार भी खुलेगा। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के सक्षम नेतृत्व में हमारी
सरकार राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या 44 यानी इचामती नदी के महत्वपूर्ण हिस्सों पर ड्रेजिंग के साथ
नौवहन में सुधार के लिए कई परियोजनाओं पर काम कर रही है। हम मोदीजी के विकसित भारत
के सपने को साकार करने की दिशा में पश्चिम बंगाल के बुनियादी ढांचे के विकास और समृद्ध
जलमार्ग नेटवर्क को सशक्त बनाने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं।’’
आईडब्ल्यूएआई ने NW 44 पर प्रमुख नदी खंडों पर नौवहन क्षमता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास शुरू
किए हैं। इस पहल के अंतर्गत जलकुंभी, खरपतवार और अपशिष्ट पदार्थ – जिसमें प्लास्टिक और गैर-
प्लास्टिक दोनों तरह के मलबे के साथ-साथ प्राकृतिक और कृत्रिम रूप से डंप किए गए पदार्थ शामिल हैं –
कोटेंटुलिया (Ch 40 किमी) सेकलंची (Ch63.38 किमी) तक साफ किया गया है। पहले चरण में टेंटुलिया से
कलंचीतक 23.38 किलोमीटर के हिस्से में ड्रेजिंग ऑपरेशन शुरू हो गया है। इसका लक्ष्य 1.5 मीटर (1.2
मीटरप्लस 0.3 मीटर वहनीयता) की नौवहन गहराई हासिल करना है, जैसा कि अनिवार्य है, और साथ ही
नदी में ज्वारीय प्रभाव को बढ़ाना है। बांसझारी, मल्लिकपुर से लेकर NW-44 के बशीरहाट पुल खंड के बीच
नौवहन भी की जा रही है।
शांतनु ठाकुर ने आगे कहा, ‘‘प्रधान मंत्रीश्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में हमारी सरकार सक्रियता
पूर्वक जलमार्गों को पुनर्जीवित कर रही है, ताकि परिवहन का यह कुशल, किफायती और पारिस्थितिक रूप
से सुरक्षित साधन देश के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके। वर्ष 2014 से माननीय
प्रधानमंत्री मोदीजी के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय जलमार्गों पर माल यातायात में तीव्र वृद्धि देखी गई है, जो
2014 में मात्र 18 मिलियन टन से बढ़कर वित्तवर्ष 2023-24 के अंत तक 133 मिलियन तक पहुंच गई है।
सागर माला कार्यक्रम के अतिरिक्त पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान एक और क्रांतिकारी पहल है,
जिसका उद्देश्य हमारे बुनियादी ढांचे का आधुनिकी करण और मशीनीकरण करके देश के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र
को सुगम बनाना है। हमारी सरकार सागर माला परियोजना के अंतर्गत 136.20 करोड़ रुपये की लागत से
तारणीपुर में पुल बनाने पर सक्रिय रूप से विचार कर रही है। हम जलमार्गों को एक ऐसा मजबूत
पारिस्थिति की तंत्र के रूप में सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो विकास तथा नवाचार को बढ़ावा देने
और सतत विकास सुनिश्चित करने में सक्षम हो।’’
प्रभावी निगरानी सुनिश्चित करने के लिए, बांसझारी, मल्लिकपुर से कलंचीत कहर पखवाड़े हाइड्रोग्राफिक
सर्वेक्षण किए जा रहे हैं, इससे जलमार्ग संपर्क बढ़ाने के प्रयासों को और मजबूत करने के लिए अपडेट
जानकारी मिल रही है। ये उपाय क्षेत्र में बेहतर अंतर्देशीय जलपरिवहन और सतत विकास को बढ़ावा देने के
लिए आईडब्ल्यूएआई की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं।