कहा जाता है कि भगवान के यहां देर है अंधेर नहीं श्री महाकालेश्वर मंदिर में सालों से कर रहे गबन घोटाले बाजो कि अब खेर नहीं धीरे-धीरे घोटाले बाज अपना राज उजागर कर रहे हैं दो कि पुलिस गिरफ्तारी[चौकसे और श्रीवास्तव]के बाद बयान न देने की जीद पर नाम बताते हुए और भी कहीं होंगे नाम उजागर राजनीतिक पक्ष, से लेकर मीडिया कर्मी, धर्म का चोला पहन कर घोटालेबाज होंगे उजागर,
3 करोड़ तक पहुंचा लेन-देन का मामला!
साइबर सेल की पूरी नजर आईटी शाखा पर है। कुछ बातें तथ्यात्मक हैं और कुछ चर्चाओं से निकल कर आई है। चर्चा यह है कि मंदिर समिति ने कुछ वीआईपी को कोटे दे रखे हैं। उस कोटे के आधार पर भस्मार्ती में प्रवेश होता है। कोटे से जो बच जाते हैं उसे बड़ी चालाकी से समायोजित किया जाता है। कोटे वाले वीआईपी को यह नहीं पता होता है कि उसके कितने लोगों ने प्रवेश किया। इधर कोटा पूरा हो जाता है। जांच टीम इस तथ्य पर भी काम कर रही है।
साइबर सेल ने जब सीसीटीवी कैमरे देखना शुरू किए तो बहुत सी जानकारी सामने आने लगी। अभी इस पूरी जानकारी को गोपनीय रखा गया है। ढाई दर्जन चेहरे ऐसे हैं जिन्हें संदिग्ध माना जा रहा है। इनके खिलाफ पुख्ता कार्रवाई के लिए तार से तार जोड़े जा रहे हैं।
[ वह महिला भी संदेह के घेरे में]
कलेक्टर नीरज कुमार सिंह एवं पुलिस अधीक्षक प्रदीप कुमार शर्मा ने कमर कस ली है सारे आरोपियों को बाहर निकाल कर मंदिर में रहे भ्रष्टाचारियों को अपनी सही जगह पहुंचाना
कलेक्टर नीरज कुमार सिंह का कहना है कि किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। प्रशासन कार्रवाई कर रहा है। शासन को प्रतिवेदन भेजा है।
इधर पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा का कहना है कि चौकसे और श्रीवास्तव दो ऐसी कड़ी हैं जिनसे कई जानकारियां सामने आएंगी। दोनों को रिमांड पर लेने के लिए आज कोर्ट में पेश किया …..
हम कहेंगे कि अगर सब कुछ इसी तरीके से कारवाई चलती रही किसी प्रकार की कोई ऊपरी अर्चन नहीं आई[ दबाव] तो एक बड़े REKET का पर्दाफाश होगा जिसमें कहीं सफेद पोश शामिल ……..