नई दिल्ली, नवंबर, 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नई दिल्ली में हिंदुस्तान टाइम्स के सौ वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक स्मारक डाक टिकट जारी किया। इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा,”100 वर्ष की यात्रा पूरी करना एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। मैं उन सभी को बधाई देता हूं जो इस उद्यम का हिस्सा रहे हैं, जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों का सामना किया, लेकिन अडिग रहे।”
एचटी मीडिया लिमिटेड की अध्यक्ष एवं हिंदुस्तान टाइम्स की संपादकीय निदेशक शोभना भरतिया ने प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए तथा स्मारक डाक टिकट जारी करने के लिए संदर्भ प्रस्तुत करते हुए कहा “मैं प्रधानमंत्री को इस स्मारक डाक टिकट को जारी करने के लिए तहे दिल से धन्यवाद देता हूँ। यह हमारी लंबी यात्रा में एक मील का पत्थर है, और हम जानते हैं कि हमारा मिशन अभी खत्म नहीं हुआ है।”
हिंदुस्तान टाइम्स की शुरुआत 15 सितंबर 1924 को महात्मा गांधी ने की थी। यह दैनिक अखबार स्वतंत्रता संग्राम की आवाज़ के रूप में काम करता था। शुरुआत में अकालियों और बाद में लाला लाजपत राय और मदन मोहन मालवीय द्वारा जमा किए गए पैसे से इसे चलाया गया, लेकिन जल्द ही गांधी के अनुरोध पर जीडी बिरला ने इसका कार्यभार संभाल लिया था।
अपने शुरुआती वर्षों में, यह स्वतंत्रता संग्राम और गणतंत्र के जन्म का इतिहास लिखने वाला अखबार था, जिसने उन विचारों और बहसों के उद्गम स्थल के रूप में कार्य किया, जिसने एक युवा राष्ट्र को आकार दिया। वर्षों से, इसके पन्ने सुभाष चंद्र बोस, जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, मार्टिन लूथर किंग, एमएस स्वामीनाथन और सत्यजीत रे जैसे दिग्गजों के शब्दों से जगमगाते रहे। 1936 में, इसने एक हिंदी दैनिक, हिंदुस्तान शुरू किया।
एक सदी से भी ज़्यादा समय से, हिंदुस्तान टाइम्स भारत के इतिहास में मील के पत्थर साबित हुए हैं, क्योंकि देश ने कोलोनियल रूल को निकाल फेका, बहुत सी मुश्किलों के बावजूद लोकतंत्र की स्थापना की, लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकाला और वर्ल्ड स्टेज पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। यह एक अख़बार से ग्लोबल मीडिया समूह में बदल गया, जिसने देश भर में नए एडिशन लॉन्च किए, डिजिटल ओफ्फरिंग की और मिंट के रूप में एक बिसनेस पब्लिकेशन शुरू किया। यह न्यूज़रूम को प्रोफेशनल बनाने, डेटा जर्नलिज्म शुरू करने की ग्लोबल रेस में सबसे आगे था और सभी माध्यमों में इसकी मज़बूत उपस्थिति है। लेकिन इस उल्लेखनीय दौर में, हिंदुस्तान टाइम्स अपने मिशन के प्रति सच्चा रहा – इस रिमार्केब्ल कंट्री की प्रोग्रेस को फियरलेस एक्यूरेट और थॉटफुल रखा है। यह भरोसे और सच्चाई के लिए खड़ा रहा। और यह भारत की पहली आवाज़ और आखिरी शब्द बना हुआ है।
प्रधानमंत्री ने डाक टिकट जारी करने से पहले HT@100 प्रदर्शनी का अवलोकन किया, जिसमें न्यूज़रूम और भारत की यात्रा के पहलुओं को दर्शाया गया। प्रदर्शनी पर अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, “मैंने एक शानदार प्रदर्शनी देखी। यह सिर्फ़ एक प्रदर्शनी नहीं थी। यह एक अनुभव था। ऐसा लगा जैसे अख़बार का 100 साल का इतिहास मेरी आँखों के सामने जीवंत हो उठा। मैंने स्वतंत्रता दिवस और भारत के गणतंत्र बनने के दिन छपे संस्करणों को देखा। मैंने हिंदुस्तान टाइम्स के लिए लिखने वाले दिग्गजों को देखा, जैसे मार्टिन लूथर किंग जूनियर, बाबू सुभाष चंद्र बोस, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, अटल बिहारी वाजपेयी और एमएस स्वामीनाथन। इन महानुभावों के शब्दों ने आपके अख़बार को रोशन किया है।”