
कभी-कभी ज़िन्दगी हमें उस मोड़ पर लाकर खड़ा कर देती है, जहां चाहकर भी हम किसी के साथ अपनी भावनाओं को साझा नहीं कर सकते। बस, कुछ अनकहे शब्दों में ही छुपे रहते हैं वो सारे जज़्बात, जो दिल को भीतर तक छलनी कर देते हैं। यही कुछ कहना चाहता हूँ, शायद तुम तक पहुँचे…
मैं चाहता हूँ… कि एक रोज़ तुम मुझे कॉल करो। महीनों बाद, जब तुम्हारा फोन मेरे नाम से उठेगा, मैं जानता हूँ कि एक उम्मीद जागेगी तुम्हारे दिल में—शायद मैं फोन उठाऊंगा। पर वो कॉल, मैं जानबूझकर अनसुना कर दूँगा। तुम दुबारा कोशिश करोगी, उस फोन की घंटी बजती रहेगी, पर कोई जवाब नहीं आएगा। तब तुम्हारे दिल में हल्की-सी बेचैनी उठेगी—आखिर मैंने फोन क्यों नहीं उठाया?
फिर तुम मुझे संदेश भेजोगी। वो शब्द जो तुमने कभी सोचे भी नहीं थे कि लिखोगी, वो भावनाएं जो कभी ज़ुबां पर नहीं आईं। पर तुम्हें पता होगा, उस संदेश का कोई जवाब नहीं आएगा। तुम इंतज़ार करोगी, और तुम्हारी बेचैनी धीरे-धीरे एक गहरे डर में बदल जाएगी। हर बार जब तुम फोन उठाओगी, तुम्हें मेरी यादें सताएंगी। मेरी हंसी, मेरी बातें, मेरा चेहरा—सब तुम्हारे सामने घूमने लगेगा। तुम सोचोगी, क्या मैं ठीक हूँ? क्या मैंने तुम्हें भुला दिया?
फिर एक रोज़, जब तुम मुझसे बात करने के लिए तड़पोगी, तुम मुझे सोशल मीडिया पर ढूँढने लगोगी। पुरानी तस्वीरों को देखोगी, हमारी हर छोटी-बड़ी यादों को जीने की कोशिश करोगी। तुम फोन गैलरी खोलोगी, मेरे साथ बिताए हर पल को याद करोगी। वो पल जिन्हें कभी तुमने अनदेखा कर दिया था, अब तुम्हारे दिल पर बोझ बन जाएंगे।
तुम्हारे आंसू थमने का नाम नहीं लेंगे। तुम अपने दिल में वो खालीपन महसूस करोगी, जो कभी मैंने महसूस किया था—वो अकेलापन, वो तड़प, वो दर्द। तुम समझने लगोगी कि मैंने क्या महसूस किया, जब तुमने मुझे अनदेखा किया, जब तुमने मेरी हर भावना को नज़रअंदाज कर दिया। तुम्हें एहसास होगा कि मैं भी कितना टूटा था, पर कभी तुम्हें इसका अहसास नहीं होने दिया।
और फिर, जब तुम हर कोने में मुझे ढूँढोगी, मेरे पास आना चाहोगी, उस वक्त शायद मैं भी तुम्हारे हर संदेश को देख रहा होऊंगा, हर कॉल को अनसुना कर रहा होऊंगा। मैं भी उस दर्द को जी रहा होऊंगा, जिसे कभी तुमने मुझे दिया था। पर फर्क सिर्फ इतना होगा, कि अब मैं तुम्हें जवाब नहीं दूंगा।
शायद तुम तब समझोगी कि तुमने क्या खो दिया। तब तुम्हें एहसास होगा कि तुमने सिर्फ एक इंसान नहीं खोया, बल्कि वो प्यार खो दिया, जो सिर्फ तुम्हारे लिए था। वो दिल, जो सिर्फ तुम्हारे लिए धड़कता था, अब खामोश हो चुका है।
आज भी, जब तुम्हारे मैसेज आते हैं, मैं उन्हें पढ़ता हूँ। हर बार, वो शब्द मेरे दिल को चीरते हैं। पर मैं जवाब नहीं देता, क्योंकि मैं चाहता हूँ… तुम एक बार वो सब महसूस करो, जो मैंने सहा है।
शायद एक दिन, तुम ये सब समझोगी। तब तक, मैं तुम्हारे हर संदेश को बिना पढ़े हटा दूँगा। और हर कॉल को अनसुना कर दूँगा—क्योंकि मैं चाहता हूँ… तुम्हें एहसास हो, कि तुमने मुझे खो दिया।