26 अगस्त सोमवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर यहाँ मंदिर में ब्रज की रास मण्डली प्रसिद्ध रसिक भजन गायक श्री अनिरुद्ध रामानुज दास जी महाराज वृंदावन वालों के द्वारा मनमोहक प्रस्तुति दी जाएगी
उज्जैन/ ,मित्रविंदा धाम से भगवान श्री कृष्ण का है गहरा नाता, श्री कृष्ण की शिक्षस्थली के साथ ही उनके ससुराल के रूप में जानी जाती है उज्जयिनी, राजा जयसेन की पुत्री मित्रविंदा से हुआ था श्री कृष्ण का विवाहधर्मनगरी उज्जैन में भैरवगढ़ रोड पर शिप्रा नदी के किनारे स्थित भगवान श्री कृष्ण के ससुराल मित्रविंदा धाम आश्रम में आगामी 26 जनवरी को महाजन्माष्टमी का पर्व बढ़ी ही धूमधाम से मनाया जाएगा । जन्माष्टमी महोत्सव के दौरान यहां देश – विदेश से श्रीकृष्ण भक्त मित्रविंदा धाम आश्रम पहुंचेंगे ।
अवंतिका नगरी उज्जैन से रहा है भगवान श्री कृष्ण का खास नाता
भगवान श्री कृष्ण की शिक्षस्थली के साथ ही उनके ससुराल के रूप में जानी जाती है उज्जयिनी देश विदेश से मित्र विंदा धाम पहुंचते हैं भक्तजनअवंतिका नगरी में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बढ़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है । यह पर्व भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर कृष्ण जन्माष्टमी पर्व के रूप में मनाया जाता है ।अति प्राचीन धर्म नगरी उज्जयिनी यूं तो भगवान श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली के नाम से तो जानी जाती है, परन्तु यहाँ भगवान श्री कृष्ण का एक और नाता है ।दरअसल भगवान श्री कृष्ण का विवाह उज्जैन की रानी मित्रविंदा से हुआ था इसलिए उज्जैन भगवान श्री कृष्ण का ससुराल भी है श्रीमदभागवत पुराण और विष्णु पुराण में वर्णित कथा के अनुसार मित्रविंदा राजा जयसेन की पुत्री थी । भगवान श्री कृष्ण ने मित्रविंदा से विवाह किया था । उज्जैन के भैरवगढ़ रोड पर शिप्रा नदी के किनारे स्थित आश्रम में मित्रविंदा का मंदिर है । मंदिर के प्रमुख पुजारी पंडित गिरीश गुरु ने जानकारी देते हुए बताया की परम पूज्य संत श्री शंकर गुरुजी की प्रेरणा एवं आशीर्वाद से यहाँ जन्माष्टमी पर्व पर भव्य आयोजन होता है । जन्माष्टमी को यहां महोत्सव में मनाया जाता है । प्रति वर्षानुसार इस वर्ष भी 26 अगस्त सोमवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर यहाँ मंदिर में ब्रज की रास मण्डली प्रसिद्ध रसिक भजन गायक श्री अनिरुद्ध रामानुज दास जी महाराज वृंदावन वालों के द्वारा मनमोहक प्रस्तुति दी जाएगी । इस दौरान मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाया जाएगा । यहां पहुंचने वाले भक्तों को फलाहारी प्रसादी का वितरण किया जाएगा । जन्माष्टमी पर्व पर बड़ी संख्या में भक्त भगवान श्री कृष्ण और माता मित्रविंदा के दर्शन के लिए पहुंचेंगे
।मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी अवंतिका नगरी उज्जैन से भगवान श्री कृष्ण का बहुत गहरा नाता रहा है, इस नगरी से भगवान श्री कृष्ण की कई कथाएं ओर मान्यताएं जुड़ी हुई है । भगवान श्री कृष्ण ने यहां पर महर्षि सांदीपनि आश्रम में रहकर शिक्षा ही ग्रहण ही नहीं की थी, बल्कि यहां उन्होंने उज्जैन की राजकुमारी मित्रविंदा से विवाह भी किया था । इसलिए उज्जैन की अवंतिका नगरी को उनका ससुराल भी कहा जाता है
।उज्जैन में जन्माष्टमी का पर्व 2 दिनों तक मनाया जाता है । उज्जैन में भगवान श्री कृष्ण ने सांदीपनि आश्रम में भाई बलराम और मित्र सुदामा के साथ शिक्षा ग्रहण की थी । इसी आश्रम में उन्होंने 4 दिन में चार वेद, 6 दिन में छह शास्त्र, 16 दिन में सोलह विद्या ओर 18 दिन में अठारह पुराण सहित कुल 64 विधाओं का 64 दिनों में ज्ञान प्राप्त किया था ।
उज्जैन में मित्रवृंदा धाम के अलावा भगवान श्री कृष्ण के तीन मंदिर है, जिसमें पहला मंदिर मंगलनाथ मंदिर मार्ग पर सांदीपनि आश्रम में बना हुआ है, जहां भगवान श्री कृष्ण ने शिक्षा ग्रहण की थी । दूसरा मंदिर शहर के मध्य में श्री द्वारकाधीश गोपाल मंदिर के नाम से प्रसिद्द है ।वहीं तीसरा मंदिर इस्कॉन मंदिर है तीनों ही मंदिरों में भगवान के दर्शन हेतु श्रद्धालु पहुंचते है ।