मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यहां पर फाइबर की मूर्तियों के स्थान पर पत्थर की मूर्तियां लगाने के निर्देश दिए
उज्जैन के महाकाल लोक में स्थित सप्त ऋषियों की मूर्तियों में एक बार फिर बदलाव किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि महाकाल लोक की 8 मूर्तियों में बदलाव किया जाएगा. ओडिशा के कलाकारों द्वार मूर्तियों का निर्माण कराया जा रहा है.
इसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इन्हें नए सिरे से बनवाने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद अगस्त 2023 में यह मूर्तियां फिर से यथास्थान पर लगा दी गई थी। अब शिवराज सरकार के बदलते ही नए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यहां पर फाइबर की मूर्तियों के स्थान पर पत्थर की मूर्तियां लगाने के निर्देश दिए थे। जिसके चलते अब यहां सप्त ऋषियों की पत्थर की मूर्तियां लगाने का काम शुरू हो चुका है।
उज्जैन। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी /11 अक्टूबर 2022 को उज्जैन महाकाल लोक में बने कॉरिडोर का लोकार्पण किया था. . प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के लोकार्पण के बाद यह कॉरिडोर आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया था. महाकाल लोक बनने के बाद लाखों की संख्या में श्रद्धालु रोज महाकाल मंदिर पहुंच रहे हैं. वहीं महाकाल लोक बनने के बाद कुछ ही महीनों बाद तेज आंधी और तूफान में महाकाल लोक में रखी सप्त ऋषियों की मूर्ति टूटकर गिर गईं थी. जिसके बाद दोबारा मूर्तियों को स्थापित किया गया. अब एक बार फिर से इन मूर्तियों में बदलाव किया जा रहा है.
महाकाल लोक की 8 मूर्तियों में बदलाव
धर्मनगरी उज्जैन में स्थित महाकाल लोक में सप्त ऋषियों की प्रतिमाएं आंधी तूफान में गिर गई थी. इसके बाद शासन-प्रशासन ने मूर्तियों को नए सिरे से महाकाल लोक में स्थापित करवाया था, लेकिन अब फिर एक बार महाकाल लोक की प्रतिमाओं को लेकर बदलाव किया जा रहा है. जिसका काम भी शुरू हो गया है. ओडिशा से उज्जैन पहुंचे कलाकारों ने 8 मूर्तियों को बनाने का काम शुरू कर दिया है. पहले फेज में सप्त ऋषियों की और एक शिव की मूर्तिया बनेगी. जिसके बाद अन्य मूर्तियों को भी बदला जाएगा. बताया जा रहा है कि इस बार पत्थर की मूर्तियां स्थापित की जा रही है.सप्त ऋषियों की मूर्ति पर करीब 30 करोड़ का खर्च
महाकाल लोक में 11 करोड़ की लागत से 106 मूर्तियां लगी हुई है. जो कि जो कि FRP फाइबर रीइंफोर्स प्लास्टिक की है. 1 मूर्ति 11 लाख रुपए की कीमत की है. जिसकी उम्र 10 साल है. ये सभी गुजरात, ओडिशा, राजस्थान के कलाकारों ने 5 साल में बनाई थी. अब जो पत्थर से बन रही है. उनकी बात करें तो बंशी पहाड़पुर के पत्थर पर मूर्तियां बनाई जाएगी. जर मूर्ति 15 फूट ऊंची होगी. एक मूर्ति पर 23 से 50 लाख खर्च आएगा. इस तरह 106 मूर्तियों पर 30 करोड़ खर्च होने की संभावना है.आंधी में गिर गईं थी सप्त ऋषि की मूर्तियां
बता दें 29 मई 2023 को तेज आंधी और तूफान में महाकाल लोक में स्थित सप्त ऋषियों की मूर्तियां टूटकर गिर गईं थी. इस घटना के बाद कांग्रेस ने खूब आलोचना की थी. साथ ही प्रदेश सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. इसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई मूर्तियां को बनवाकर दोबारा स्थापित करवाया था. महाकाल लोग में लगी बाकी 106 मूर्तियों को निकलवा कर उसको मजबूत करवाया था, लेकिन महाकाल मंदिर में आठ मूर्तियों में बदलाव किया जा रहा है. जिसमें सात सप्त ऋषियों की मूर्ति और एक शिवजी की मूर्ति राजस्थान के बंसी पर्वत के पत्थर से बनवाई जा रही है. जिसे ओडिशा के कारीगर बनाने में लगे हुए हैं. एक मूर्ति बनाने में 2 से 3 महीने का समय लगेगा.
सप्तऋषि की मूर्तियों को विक्रमादित्य शोधपीठ तैयार करवा रहा है. मूर्तियों का स्कैच बनारस के कलाकार सुनील विश्वकर्मा ने बनाया है. सुनील के अनुसार पौराणिक ग्रंथ का अध्ययन कर स्कैच प्रतिमा विज्ञान के आधार पर तैयार किया है. उन्होंने कहा जिस तरह से अयोध्या में भगवान राम की प्रतिमा की आंखें पत्थर पर ही तराशकर बनाई गई हैं, सप्तऋषि की मूर्तियों की आंखें भी ऐसी ही बनाई जाएंगी. ताकि ये जीवंत नजर आएं.