जावरा मध्यप्रदेश की मुख्य उपज मंडी में शुमार जावरा की नरेद्र सिंह चंद्रावत कृषि उपज मण्डी से लेकर जावरा के पूर्व मुख्यमंत्री के नाम बनी स्व.श्री कैलाश नाथ काटजू उपज मंडी दोनों ही अव्यवस्था की भेट चढ़ रही हैं, चोरी की वारदातों से लेकर बिना कर दिए वाहन की आवाजाही आम बात हैं ऐसे में प्रदेश की सियासत में बैठे सत्ता धारी पार्टी के कृषि मंत्री से लेकर मंडी बोर्ड के उच्च अधिकारी ए ग्रेड मंडी व्यवस्थाओं पर भी ध्यान नहीं देते जिससे आड़े हाथ लिए निरीक्षक और उपनिरीक्षक मंडी की व्यवस्थाओं पर चुप्पी साध किसानों और किसान नेताओं की आवाज़ दबा देते हैं, वर्तमान में भीं कई अवयवस्था पर मंडी के अधिकारी द्वारा बयान जारी किया गया की शासन की नीति कर्मचारियों की पूर्ति नहीं कर पा रही ऐसे में हम क्या करें कोई हमें कर्मचारी मुह्य्या करा दे, प्रदेश में विपक्ष किसानों की आवाज़ तो उठाते हैं लेकिन विपक्ष के कुछ नेता भी शांत हो जाते हैं और मंडी की व्यवस्था में शिकायत पर तत्काल मौके से प्रांगण प्रभारी को हटाकर उप मंडी में भेज दिया जाता हैं जिससे मामले को ठंडे बस्ते में डाला जा सके। वर्तमान में लहसून की आवक के बाद खाचरोद नाका स्थित मंडी के बाहर घंटो जाम लगने के बाद भी मंडी द्वारा उचित प्रबंध नहीं किया गया जिससे आवागमन प्रभावित हो रहा है मंडी प्रांगण प्रभारी कहते हैं कि व्यवस्था कि जा रही हैं सभी लहसून ट्रालियां अर्निया पीथा मंडी में भेजी जाएगी वहीं समस्याओं को बताते हुए सब्जी मंडी व्यापारियों द्वारा बताया गया कि पार्किग व्यवस्था से लेकर मंडी के गेट अधिक होने से सामान चोरी, पशुओं का आवागमन लगा रहता हैं वही सब्जी मंडी प्रभारी के रुप में एलडीसी कर्माचारी मुकेश शर्मा को पदस्थ किया गया है जो शिकायत पर मंडी व्यापारियों से सीधे मुंह बात नहीं करते वर्तमान में मंडी में बदलाव करते हुए मंडी प्रांगण प्रभारी की बदली की गई लेकिन व्यवस्था की बात करें तो मंडी में कोई बदलाव नहीं दिखाई देता।