*उज्जयिनी विक्रम व्यापार 2024 का लोकार्पण*
*भारतीय ऋषि वैज्ञानिक परंपरा पर केन्द्रित कॉफी टेबल बुक आर्ष भारत एवं विक्रम पंचांग (विक्रम सम्वत् 2081) का लोकार्पण*
*वीर भारत संग्रहालय का संकल्प न्यास*
*कालिदास अकादमी में होगा 1 मार्च 2024 को कार्यक्रम*
*उज्जैन, 28 फरवरी 2024।* विक्रमादित्य , उनके युग, भारत उत्कर्ष, नवजागरण और भारत विद्या पर एकाग्र विक्रमोत्सव 2024 का शुभारंभ माननीय डॉ. मोहन यादव, मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश द्वारा किया जायेगा। यह कार्यक्रम 1 मार्च 2024 को कालिदास अकादमी, उज्जैन में प्रात: 10:30 बजे आरंभ होगा। इस अवसर पर उज्जयिनी विक्रम व्यापार मेला, भारतीय ऋषि वैज्ञानिक परंपरा पर केन्द्रित कॉफी टेबल बुक आर्ष भारत, विक्रम पंचांग (विक्रम सम्वत् 2081) का लोकार्पण किया जायेगा। इसके साथ ही स्वराज संस्थान संचालनालय के प्रकाशन मध्यप्रदेश में स्वाधीनता संग्राम मंडला-डिंडोरी, दतिया, जबलपुर, सतना एवं रामराजा (लेखक- पी. नरहरि एवं ऋषिकेश पाण्डेेय) पुस्तक का विमोचन तथा ओरछा के राजाराम ऑडियो सीडी का लोकार्पण किया जायेगा।
महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने बताया कि विक्रमोत्सव 2024 एक इवेंट नहीं है यह लोक समाज के लिए पर्व बन चुका है। 1 मार्च से 9 अप्रैल 2024 तक आयोजित यह समारोह देश-प्रदेश की सांस्कृतिक दुनिया का सबसे लंबी अवधि तक चलने वाला आयोजन है।
निदेशक ने कहा कि विक्रमोत्सव में संगीत, नृत्य, नाटक, चित्र, मूर्तिकला, सिनेमा, प्राचीन इतिहास पर समागम, शोध परक पुस्तकों के प्रकाशन तो इसमें शामिल है ही साथ ही भारतीय कालगणना की प्राचीनतम, प्रामाणिक एवं विश्वसनीय पद्धति पर आधारित विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का स्थापन भी उज्जैन में किया जा रहा है। जिसका लोकार्पण कार्यक्रम भोपाल में 29 फरवरी 2024 को माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जा रहा है। यह विश्व की पहली वैदिक घड़ी होगी।
साथ ही युगयुगीन भारत के कालजयी महानायकों की तेजस्विता को रेखांकित करने वाले वीर भारत संग्रहालय का संकल्प न्यास भी होगा। पूर्व वैदिक, वैदिक, उत्तर वैदिक, रामायण-महाभारत काल, विक्रमादित्य युग, मध्ययुग और पराधीनता के विरुद्ध सिंहनाद करने वाले तेजस्वी नायकों, मंत्र द्रष्टा ऋषियों, संतों, मनीषियों और आज़ादी के रणबाँकुरों के अनुपम योगदान पर केंद्रित यह संग्रहालय देश और दुनिया में सर्वथा अनूठा और सर्व प्रथम होगा।
उन्होंने बताया कि विक्रमोत्सव 2024 के शुभारंभ अवसर पर शाम 7:00 बजे से लोकप्रिय भजन गायक पं. कन्हैेया मित्तल की भजन प्रस्तुति होगी। इसके पहले संतोष नायर निर्देशित ओम नम: शिवाय (शास्त्री य नृत्य ) की प्रस्तुति की जायेगी। इसके अलावा क्रेजी हूपर ग्रुप, मुंबई द्वारा हनुमान चालीसा और शिव महादेव (स्तुति) होगी।
शोधपीठ के कार्यालय बिड़ला भवन में भारतीय ऋषि वैज्ञानिक परंपरा पर केन्द्रित आर्ष भारत, विक्रमकालीन मुद्रा एवं मुद्रांक, श्रीकृष्ण : चौंसठ कलाएँ(मालवा की चितरावन शैली में), श्रीकृष्ण : होली पर्व प्रदर्शनी(लघु चित्रों में श्रीकृष्णा की छवियाँ) प्रदर्शनी लगायी जायेगी। प्रदर्शनी प्रतिदिन सुबह 10:30 बजे से शाम 6:00 बजे तक अवलोकनार्थ खुली रहेगी।
शोधपीठ के निदेशक ने बताया कि महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या पर प्रख्यात अभिनेत्री-नृत्यांगना हेमा मालिनी एवं उनके दल द्वारा शिव-दुर्गा नृत्य नाटिका की प्रस्तुति होगी और महाशिवरात्रि के अवसर पर 8 मार्च को लोकप्रिय पार्श्वा गायक अमित त्रिवेदी द्वारा नमामि महादेव शंखनाद प्रस्तु्ति होगी।
40 से अधिक चलने वाले इस उत्सव में बोलियों का अखिल भारतीय कवि सम्मेलन, श्रीकृष्णकलीलामृत, राष्ट्रीय विज्ञान समागम, महादेव शिल्प कला कार्यशाला, पौराणिक फिल्मों का अंतरराष्ट्रीय महोत्सव, विक्रम नाट्य समारोह, वेद अंताक्षरी, दैवज्ञ सम्मान समारोह, अंतरराष्ट्रीय इतिहास समागम, अखिल भारतीय कवि सम्मेलन सहित सृष्टि आरंभ दिवस गुड़ी पड़वा 09 अप्रैल 2024 को सूर्योपासना, महाकाल शिवज्योति अर्पणम्, पिंगल सम्वत्सर का शुभारंभ, उज्जायिनी गौरव दिवस के अवसर पर सुप्रसिद्ध गायक जुबिन नौटियाल एवं उनके दल द्वारा सांगीतिक प्रस्तुति होगी।