निप्र, पिपलौदा मध्यप्रदेश की रतलाम जिले की पिपलोदा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत सुखेड़ा सफ़ाई से लेकर जल जीवन कार्यों में अव्यवस्था के कारण अपनी सक्रिय भूमिका निभा नहीं पा रही हैं, पंचायत सचिव की जिम्मेदार जुबा कहती हैं कि पंचायत के ग्रामीण जागरूक नहीं वे गंदगी फैलाते हैं इस संबंध में ग्राम वासियों का कहना हैं कि पंचायत में जगह जगह कचरा डाला जाता हैं और स्वाभाविक है आम जन कचरा कब तक घर में रखे व्यवस्था के नाम पर कचरा संग्रहित नाडेप भी पहुंच से दूर हैं, और वाहन कभी आता है और कहीं बार तो सकरी गली होने के कारण आता ही नहीं है,जहा कचरा संग्रहण नाडेप का स्थान देखा गया तो वो भी दो स्कूल के बाहर मार्ग पर पाया गया जहा कचरे में आग लगी प्रदूषण फैल रहा था कन्या प्राथमिक विद्यालय के प्राचार्य दिलीप पांडेय से बातचीत में उन्होंने बताया की पंचायत सचिव को समझाइस के बावजूद स्कूल के बाहर दो नाडेप बना दिए गए वही पास में सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल के आस पास भी गंदगी पाई गई, वहीं नदी क्षेत्र में मुख्य रुप से गंदगी देखी गई , जहां प्रदेश की सभी नदियों का जीवन और कृषि में योगदान देने वाली नदियां गंदगी से प्रभावित हो जाती हैं ,लगभग नदियों के प्रवाह ग्रामीण क्षेत्रों में होने के बाद भी सिंचाई की व्यवस्था के अनुरूप स्टॉप डैम निर्माण और जल प्रबंधन के लिए कार्य नहीं किया जाता जिसके कारण वर्षा जल बह जाता हैं वर्तमान में सुखेड़ा से निकलने वाली रोजर और राजस्थान निनोर गांव से आनी वाली नदियों के अंदर कचरा डाला जाता हैं, जिससे वे प्रदूषित हो कर नाले के पानी से दूषित होकर बदबू और बीमारियों को बड़ावा देती हैं इस संबंध में सचिव बसंतीलाल अखेड़िया द्वारा बताया गया कि लोग कूड़ा कचरा नदी में डालते हैं और लोगों को समझाइए देने के बाद भी नहीं मानते जल की समस्या पर कहा कि नदी में बहाव आने पर पानी बह जाता हैं रोकने के कोई संसाधन नहीं है। जल संकट में प्रभावी पिपलोदा जनपद पंचायत के कई गांव भीषण गर्मी आते आते जल के लिए प्रभावी हो जाते हैं वर्तमान दो नदियों के बीच गांव होकर भी सुखेड़ा रहवासियों को तीन दिन में पानी मुहैया कराया जाता हैं इसके अलावा कई लोगों को निजी पानी का टैंकर पानी की उपयोगिता के लिए बुलवाना पड़ता हैं आम जन का कहना हैं कि नल का पानी पर्याप्त रूप से नहीं मिल पाता , वहीं सिंचाई की सुविधा के लिए किसानों को कोई लाभ नहीं मिल पाता कारण जल के ठहराव के लिए उपयुक्त संसाधन नहीं है जिससे गर्मी में जल स्तर कम हो जाता हैं।