*प्रदेश अध्यक्ष अखिल भारतीय स्वर्णकार महासभा रहे मौजूद*
चंदेरी । (पुष्कर राज श्रीवास्तव)पूज्य पाद गुरुदेव धर्म चक्रवर्ती पद्म विभूषित तुलसी पीठाधीश्वर श्री रामभद्राचार्य जी महाराज जी के 75वें जन्मदिवस के उपलक्ष में व हिंदू समाज में जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी का नाम बड़े ही आदर सम्मान के साथ लिया जाता है. रामभद्राचार्य जी रामानंद संप्रदाय के चार प्रमुख जगद्गुरुओं में से एक हैं.श्री रामभद्राचार्य जी अपने असाधरण कार्यों के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन मानव कल्याण को समर्पित किया. नेत्रहीन होते हुए भी उन्होंने अपनी दिव्य दृष्टि से कई भविष्यवाणियां की जिनमें कई सत्य हुई. इन्हें 22 भाषाओं का ज्ञान है और 80 ग्रंथों की रचना कर चुके हैं. साथ ही ये विश्व का पहला विकलांग विश्वविद्यालय भी चला रहे हैं. इन्हीं सब बातों से प्रेरित होकर सभी शिष्य गणों द्वारा प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी मकर संक्रांति के पावन पर्व पर ग्राम खानपुर की आदिवासी बस्तियों में वस्त्र और कंबल और लड्डू, बिस्कुट वितरण कार्यक्रम किया गया, आदिवासी बस्तियों में रह रहे गरीब असहाय , वृद्ध जनों व बच्चों के चेहरे पर छाई खुशियां,जिसमें मुख्य रूप से सौरभ सोनी सहित कई शिष्य गणों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।