उज्जैन में हरिहर मिलन हुआ, बाबा महाकाल ने गोपाल जी को सोंपा सृष्टि का भार

उज्जैन/ देवउठनी एकादशी पर हरि के विश्राम से उठने के बाद बैकुंठ चतुर्दशी पर उज्जैन में हरिहर मिलन की परंपरा है।

शनिवार रविवार  रात ठीक 11:00 बाबा महाकाल की सवारी महाकाल मंदिर से निकली जो पटनी बाजार होते हुए गोपाल मंदिर पहुंची जहां हर का हरी से मिलन हुआ। ऐसा कहा जाता है कि भगवान हरि चार माह के लिए विश्राम के दौरान सृष्टि के लालन-पालन की जिम्मेदारी हर को देते हैं। आज इसी सृष्टि के भार को हर हरि को वापस सोपने में आते हैं। इसे ही हरी से हर का मिलन कहते हैं। बताते हैं कि सृष्टि के संचालन की ब कायदा हरी और हर के बीच लिखा पड़ी होती है और तुलसा जी और बेलपत्र की माला का आदान-प्रदान होता है। इस धार्मिक आयोजन के  दर्शन लाभ लेने के लिए हजारों लोग रात 12:00 बजे गोपाल मंदिर पर आस्था की डोर के साथ मौजूद रहते हैं। हरिहर मिलन के पश्चात भगवान महाकाल की सवारी पुनः महाकाल मंदिर पहुंचती है जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए गए।