निप्र, रतलाम वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रख्यात समाजसेवी कैलाशवासी श्री रमन अग्रवाल जी ग्वालियर की स्मृति में आदिवासी कल्याण उत्थान कार्यक्रम का आयोजन अलीराजपुर ज़िले की सोंडवा जनपद पंचायत अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में किया गया जहां जरूरतमंद आदिवासी ग्रामीण जन परिवारों को रात में लाइट की व्यवस्था के लिए सॉलर लाइट, स्वास्थ्य हेतु प्राथमिक चिकित्सा किट एवं खाद्यान्न सामग्री, वस्त्र इत्यादि निशुल्क वितरण किए ,इसी संबंध में बताते हुए श्री अग्रवाल सुपुत्र अनुभव अग्रवाल द्वारा बताया गया कि आज़ादी के 76 वर्ष बाद भी अलीराजपुर मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि देश का सबसे गरीब ज़िला है, यहां शिक्षा से लेकर आर्थिक और पारिवारिक स्थिति बहोत कमज़ोर है शासन और प्रशासन की करोड़ों की योजना ज़मीनी हक़ीक़त में अलीराजपुर के मायनो में सोच से परे हैं, आदिवासियों के उत्थान के लिए जरूरत मंद लोगों के लिए जनभागीदारी से कार्य करने की अति आवश्यकता है इसी को ध्यान में रखते हुए आज आदिवासी उत्थान कल्याण हेतु आर्थिक रूप से असक्षम लोग जो मजदूर के रूप में अधिक परिश्रम का कार्य करते हैं वही पलायन कर बाहरी राज्यों में जीवन के लिए संघर्ष करते हैं, उन्हें जरूरत हेतु समस्या को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए पहाड़ी क्षेत्रों में बिजली के लिए सोलर लाइट,प्राथमिक चिकित्सा किट, राशन खाद्यान और कपड़े वितरण कर सहयोग किया गया है,जिससे की उन्हें आर्थिक सामाजिक सहायता मिल सके ,इसी के साथ आगे भी कृषक कल्याण हेतु आधुनिक खेती हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा, वही बीबीसी की रिर्पोट के अनुसार कई ग्रामीण जन अंगूठे के निशान न आने से आधार कार्ड से वंचित हैं जिससे उन्हें राशन और स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल पाता,प्रसव पीड़ा होने पर ककराना से सोंडवा जनपद पंचायत भी 35 कि.मी की दूरी पर है वही नदी के उस पार कई गांव हैं, जैसे पेरियातर, झंडाना, सुगट, बेरखेड़ी, नदिसिरखड़ी, आंजनबारा, डूबखेड़ा, बड़ा आम्बा, जल सिंधी, सिलकदा, रोलीगांव.ये गाँव, उत्तरी या पूर्वी भारत के जैसे नहीं हैं जहाँ कई मकान एक साथ होते हैं.इन्हें यहां ‘फलिया’ कहा जाता है यानी एक जगह सब घर नहीं होते हैं. दो घर अगर एक पहाड़ी पर हैं तो दो तीन घर दूसरी पहाड़ी पर. इन बिखरे हुए घरों को ही यहां के लोग ‘फलिया’ कहते हैं. ज़मीनी हक़ीक़त में जब वहां जाकर देखा तो बीबीसी की ख़बर के बाद जिला कलेक्टर वहा आए लेकिन नदी किनारे बसे ककराना जैसे गांव में कोई राहत नहीं पहुंचा पाए, ओबीसी जाति से होने के कारण शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे भोजन के लिए दिहाड़ी मजदूरी के लिए भटकते बेरोजगार युवा और कई शिक्षा से पूर्ण रूप से वंचित युवा अलीराजपुर जिले की ग्रामीण क्षेत्रों में बहुतायत में मिलते हैं अलीराजपुर के 98 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों से गुजरात और महाराष्ट्र के लिए कई दिनों तक काम की खोज में युवा अपने बूढ़े माता पिता को छोड़ कर निकल जाते हैं वही कई व्यापार की दृष्टि से वहा बाहरी लोग आकर बिना कम्पनी ब्रांड के खाद्य पदार्थों के बेचते हैं जिस के बारे में अशिक्षित होने के कारण ग्रामीण लोगों को जानकारी नहीं होती जिस हेतु शिक्षा , स्वास्थ्य, और आर्थिक मदद के लिए हर संभव जनसहयोग की मदद के लिए कार्य हेतु अनुभव रमन अग्रवाल , कोमल सिंह पंवार एवं लखन पंवार द्वारा कैलाशवाशी अग्रवाल जी की स्मृति में पिछड़े गरीब अलीराजपुर जिले के गावों में जनसेवा भावी कार्य की ज़िम्मेदारी ली है।