~ वजन नियंत्रण, एंडोक्रायनोलॉजी और दर्द निवारण को लेकर भी कंसल्टेशन के मामले बढ़े ~
इंदौर: देश में पिछले कुछ समय से भारी बारिश और बाढ़ की घटनाएं देखी जा रही हैं। इन परिस्थितियों के बीच भारत के सबसे बड़े डिजिटल हेल्थकेयर प्लेटफॉर्म मेडीबडी के आंकड़ों से सामने आया कि आई-फ्लू और कंजन्क्टिवाइटिस के मामले तेजी से बढ़े हैं। आंखों से संबंधित विभिन्न समस्याओं के लिए चिकित्सकीय परामर्श का ट्रेंड बढ़ा है। सबसे ज्यादा लोग कंजन्क्टिवाइटिस, आंखों का लाल होना व पानी आना और सुबह जागने पर पलकों का चिपकना आदि जैसी समस्याओं के लिए कंसल्टेशन ले रहे हैं। ऑफ्थेल्मोलॉजी यानी आंखों से संबंधित विशेषज्ञों से परामर्श के मामले पिछले साल के 1 प्रतिशत से बढ़कर इस साल 2.6 प्रतिशत हो गए हैं, जो 137 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। कंजन्क्टिवाइटिस के मामले ज्यादातर 25 से 35 साल की उम्र के युवाओं में दिख रहे हैं और ऐसे कंसल्टेशन में 49 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
कंजन्क्टिवाइटिस को सामान्यत: पिंक आई भी कहा जाता है। यह आंखों का संक्रमण है, जो वायरस या बैक्टीरिया के कारण होता है। इसमें आंख के सफेद हिस्से और पलकों के अंदर वाले हिस्से की पतली मेंब्रेन ‘कंजन्क्टिवा’ में सूजन आ जाती है। यह किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने, ऐसी किसी सतह को छूने और छींकने व खांसने से भी फैलता है। मौसम से भी इसके प्रसार पर प्रभाव पड़ता है। आंखों का लाल हो जाना, सूजन आना, खुजली होना और पलकों पर सूखा-सूखा सा लगना आदि इसके लक्षण हैं।
मेडीबडी की मेडिकल ऑपरेशंस हेड डॉ. गौरी कुलकर्णी ने कहा, ‘बारिश के मौसम के कारण कंजन्क्टिवाइटिस के मामले बढ़े हैं। लोगों को लक्षणों को लेकर सतर्क रहना चाहिए और तत्काल डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। कंजन्क्टिवाइटिस कई कारणों से हो सकता है और इसके प्रसार को रोकने एवं जटिलताओं से बचने के लिए पर्याप्त जांच जरूरी होती है। मेरा सुझाव है कि लक्षण दिखने पर तत्परता के साथ डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।’
मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए मेडीबडी का प्रत्येक व्यक्ति से आग्रह है कि कंजन्क्टिवाइटिस के प्रसार को थामने के लिए बचाव के कदम उठाएं। समय-समय पर हाथ धोते रहें, गंदे हाथों से आंखों को छूने से बचें और ऐसी सतहों को डिसइन्फेक्ट करते रहें, जिन्हें बार-बार छूना होता है। इन कदमों से आप संक्रमण के खतरे को कम कर सकते हैं।
ऑफ्थेल्मोलॉजी कंसल्टेशन में वृद्धि के अतिरिक्त मेडीबडी ने अन्य मेडिकल कंसल्टेशन में भी वृद्धि दर्ज की है। वजन नियंत्रण के लिए डॉक्टर से परामर्श मांगने के मामले 56 प्रतिशत बढ़े हैं। एंडोक्रायनोलॉजी कंसल्टेशन भी 67 प्रतिशत बढ़ा है, जो हार्मोन संबंधी असंतुलन और उससे सेहत पर असर को लेकर बढ़ती जागरूकता का प्रतीक है। पेन मैनेजमेंट यानी दर्द निवारण के लिए कंसल्टेशन 748 प्रतिशत बढ़ा है। कुल कंसल्टेशन में 2022 में ऐसे मामले 0.08 प्रतिशत थे, जो 2023 में 0.74 प्रतिशत हो गया है।