निप्र (लखन पंवार)मध्यप्रदेश के रतलाम जिले के जावरा की मुख्य कृषि उपज मंडी नरेंद्र सिंह चंद्रावत में वर्षों से पदस्थ मंडी प्रांगण पदस्थ मंडी बोर्ड के सहायक उपनिरीक्षक के पदों पर आसीन होकर मंडी नियमों के विपरीत कार्य कर अपनी प्रभु सत्ता स्थापित कर मंडी प्रांगण की कार्य व्यवस्था को अपने अपने ढंग से संचालित कर रहे हैं, उक्त स्थिति को बताते हुए किसान हितैषी समाजिक कार्यकर्ता नेता दिलीप कुमार धामेड़ी पाटीदार द्वारा कहा गया कि पिपलौदा मंडी में किसान और व्यापारियों के बीच वाद विवाद हो गया जिससे किसानों की उपज प्लेटफार्म पर न होने से बारिश में ही भीग गई, सेकेट्री रामवीर किराव से फ़ोन पर बात करने पर भी कोई कार्य नहीं किया गया, विगत कई वर्षों से मंडी में कर चोरी के साथ किसानों की समस्या और प्लेटफार्मो पर समस्याओं को बताते हुए कहा कि हर वर्ष कोई न कोई वाद विवाद सामने आता रहा है, इन मंडियों में जावरा खाचरोद नाका स्थित कैलाश नाथ काटजू मंडी से लेकर पिपलौदा मंडी वाद विवाद में सुर्खियों में रहती हैं ,किसान नेता तोल और व्यवस्था को लेकर आवाज तो उठाते हैं लेकिन शासन के अधीन सत्ता धारी किसान नेता उच्च नेताओं और विपक्ष के नेता प्रशासनिक कार्यवाही के चलते चुप्पी साध लेते है कई किसानों ने मंडी की व्यवस्था को लेकर प्रदेश तक आंदोलन भी किए जिसका फायदा अब तक न मिला ,शासन और प्रशासन की साठ-गांठ की राजनीति और शायद कर चोरी से स्वयं का आर्थिक लाभ लेने की नीति से कई बार मंडी से बीना कर दिए ही गाड़ियों का बाहर होना पूर्व से ही मंडी के प्रशानिक लाभ का हिस्सा रही जिसका सीधा दृश्य मंडी में वर्षों से पदस्थ सहायक उपनिरीक्षक का तबादला न हो सका और यदि किसी मामले में कोई भरष्टचार में लिप्त हो भी जाए तो मामले को तूल न देकर मंडी में पदस्थ करने की नीति से मंडी के कर लूट और भरष्टाचारी सहायक उपनिरीक्षक को कहीं और नियुक्त कर दिया जाता हैं। पूर्व में कृषि मंत्री कमल पटेल के नाम पर जावरा मंडी के सचिव आरपीएस नैने द्वारा वायरल ऑडियो में मंडी के सुरक्षा कर्मी को मंडी में आने वाली 60 से 70 ट्रैक्टर ट्रॉलियों से प्रति दिन 200 रुपए की अवैध वसूली कर मंडी भरष्टाचार को बड़ावा दिया गया था और आज भी मंडी की व्यवस्था सुधार में कोई सही निर्देशन नहीं दिए जा रहे।