शाजापुर – देश, विदेश एवं प्रदेश भर के डॉक्टर्स, स्टाफ नर्स और पैरामेडिकल स्टॉफ के समर्पित भाव और कर्त्तव्यनिष्ठ जज्बे को हर व्यक्ति सलाम कर रहा है। सही मायने में तो डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ ही रियल हीरो हैं। शाजापुर के जिला चिकित्सालय के मेडिसिन विभाग में पदस्थ और कोरोना के आइसोलेशन वार्ड के प्रभारी डॉ. आलोक सक्सेना ने भी कोरोना कॉल के दौरान कोरोना मरीजों को समर्पित भाव से सेवाएं देकर उनके ईलाज में 18-18 घंटे जुटे रहे। इस काम में उनकी मदद सहयोगी डॉक्टर साथियों, स्टाफ नर्स एवं पैरामेडिकल स्टॉफ भी कर रहा है।
डॉ. सक्सेना ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में 19 मार्च 2021 के बाद कोरोना के मरीज बढ़ते ही चले गये थे। 15 अप्रैल से 25 अप्रैल के बीच कोरोना संक्रमण पीक पर था, उस समय आईसोलेशन वार्ड पूर्ण रूप से भरा हुआ रहता था। इस दौरान कोरोना मरीजों के उपचार के लिए जिला प्रशासन ने भी अच्छा सहयोग दिया। प्रशासन ने रेमडिसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित करवायी, जिसके कारण मरीजों का उपचार संभव हो सका। कोरोना मरीजों के उपचार के लिए अगर प्रशासन से सहयोग नहीं मिलता तो आज हालात और भयावाह होते। उस दौरान ऑक्सीजन की थोड़ी कमी भी आयी, लेकिन सीएमएचओ एवं प्रशासन के सहयोग से ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित हुई। उन्होंने कहा कि कोरोना कॉल में उन्ही मरीजों की मृत्यु होती थी, जिन्होंने अस्पताल आने में काफी देर की और जिनका ऑक्सीजन लेवल काफी कम था। ऐसे में उन्हें कन्ट्रोल करना काफी मुश्किल होता था। जिनका ऑक्सीजन लेवल अच्छा था उन्हें हम लोगों ने बचा लिया। धीमे-धीमें मरीज कम होते गये। आज आईसोलेशन वार्ड में एक भी मरीज नहीं है, यह देख कर काफी अच्छा लगता है। उन्होंने सभी नागरिकों को संदेश देते हुए कहा है कि मास्क जरूर लगाए, हाथों को बार-बार धोते रहें और वैक्सीनेशन जरूर करवाएं। वैक्सीनेशन सभी के लिए संजीवनी का काम करेगी। अगर वैक्सीनेट होंगे तो बच्चे भी कोरोना वायरस से प्रभावित नहीं होंगे। अपने बच्चों को स्वस्थ्य रखने के लिए माता-पिता वैक्सीनेशन जरूर करवाएं। गर्भवती महिलाओं को छोड़कर सभी लोगों को वैक्सीनेशन कराना चाहिये, इसमें कोई परेशानी नहीं है। अगर सभी लोगों ने वैक्सीनेशन करा लिया तो तीसरी लहर का जिले में कोई असर नहीं होगा।