महिलाओं में मासिक धर्म एक आम प्रक्रिया है। मासिक धर्म में महिलाओं को निश्चित ही कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि इस प्रक्रिया के दौरान महिलाओं में हार्मोनल बदलाव होते हैं। मासिक धर्म में हो रही परेशानियों को कई महिलाएं शर्म और झिझक के कारण इग्नोर कर देती हैं जिससे वे अपने स्वयं के स्वास्थ्य को लेकर खिलवाड़ करती हैं। खासतौर पर खासतौर पर हाइजीन को लेकर महिलाएं ध्यान नहीं देती हैं। कुछ सामाजिक कुरीतियां,जानकारी का अभाव ,अशिक्षा इन समस्याओं को और बढ़ा देते हैं। मासिक धर्म के दौरान हाइजीन को लेकर महिलाएं ध्यान नहीं देती हैं। मासिक धर्म में साफ-सफाई को लेकर कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी अस्पताल, इंदौर की डॉ. ऋतु हरिप्रिया, कन्सल्टेन्ट, ऑब्स्टेट्रिशियन एवं गायनेकोलॉजी महिलाओं को जागरुक कर रही हैं, आइए जानते हैं उनके द्वारा बताए गए टिप्स के बारे में-
सैनिटरी नैपकिन का उपयोग करने का सही तरीका
मासिक धर्म के दौरान शरीर से गंदा रक्त निकलता है, जिसमें कई तरह के बैक्टीरिया होते हैं जिससे इन्फेक्शन होने का अधिक खतरा होता है। इस दौरान अपने सैनेटरी नैपकिन को 3-4 घंटे में बदलते रहना चाहिए, ताकि विज़ाइनल इन्फेक्शन न हो। वहीं कई महिलाएं जागरुकता के अभाव में सेनेटरी नैपकिन के बजाए कपड़े का इस्तेमाल करती हैं जो उनके लिए घातक हो सकता है। कई महिलाएं अपने इस्तेमाल किए गए कपड़े को धोकर कई बार उपयोग कर लेती हैं जो सबसे ज्यादा संक्रमण फैला सकता है। यही नहीं महिलाएं अपने उपयोग किए गए कपड़े को धोकर धूप में भी नहीं रखती हैं जिससे बैक्टीरिया उसी में मौजूद रहते हैं। जागरुकता और सुरक्षा दोनों को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से कई स्थानों पर सेनेटरी नैपकिन काफी कम कीमत में उपलब्ध किए गए हैं।
जननांगो की साफ-सफाई का रखें विशेष ध्यान
मासिक धर्म के दौरान जननांगों की साफ-सफाई बेहद आवश्यक हो जाती है, क्योंकि इस दौरान बैक्टीरिया जननांगों में बने रहने से, यह हमारे शरीर में अन्य अंगों पर भी बुरा प्रभाव डाल सकते है। सैनिटरी नैपकिन को चैंज करते समय अपने जननांगों को अच्छे तरह से साफ पानी से धोना चाहिए।
सैनेटरी नैपकिन के विकल्प
सैनेटरी नैपकिन के विकल्प के रुप में आजकल बाज़ार में मैन्स्ट्रुअल कप भी सुरक्षित माने जाते हैं। यह काफी कंफर्टेबल भी होते हैं और इन्हें डिस्पोज़ करने का झंझट भी नहीं होता है। हालांकि इनका उपयोग करते समय भी सफाई का विशेष ध्यान रखा जाना जरुरी है।
सैनिटरी नैपकिन को ऐसे करें डिस्पोज़
जब भी पैड बदल रहे हो तो उपयोग किए हुए पैड को सही तरीके से डिस्पोज़ किया जाना जरुरी है। उपयोग किए हुए सैनिटरी नैपकिन को अच्छी तरह से कागज में लपेटकर ही कूड़ेदान में फेंकना चाहिए और इसके बाद हाथों को अच्छी तरह से साबुन से धोना चाहिए। दरअसल उपयोग किए गए सैनिटरी नैपकिन को खुले में फेंकने से कीटाणुओं और बीमारियों के फैलने का खतरा हो सकता है। वहीं टॉयलेट में नैपकिन्स को फ्लश नहीं करना चाहिए।
महिलाओं की जिम्मेदारी
डॉ. ऋतु के मुताबिक यह महिलाओं की जिम्मेदारी है कि वे अपनी बेटियों को मासिक धर्म आने वाली उम्र में पीरियड को लेकर सही जानकारी दें और उन्हे सहज महसूस कराएं, ताकि उन्हें किसी तरह की झिझक न हो और वे अपनी परेशानियों को शेयर कर सकें। मां को उन्हें पीरियड्स में साफ-सफाई को लेकर भी जानकारी देना जरुरी है। लड़कियां शुरुआत में जानकारी के अभाव में अपनी साफ-सफाई को लेकर ध्यान नहीं देती हैं जिससे उन्हें कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं। यदि इन्फेक्शन की समस्या हो तो ऐसे अस्पताल के स्त्री रोग विशेषज्ञ को दिखाएं जहां फुल टाइम स्पेशलिस्ट की सुविधा दी गई हो ताकि समय पर इलाज मिल सके।