
गूगल के एएल वर्ल्ड का फ्यूचर प्लेटफॉर्म होगा जेमिनी
नई दिल्ली। गूगल ने कई बड़े ऐलान किए हैं। इसकी शुरुआत से ही ब्रांड का फोकस एएल पर रहा। अल्फाबेट सीईओ सुंदर पिचाई ने इवेंट की शुरुआत ही एएल से की। इवेंट में गूगल ने बताया कि किस तरह से एएल आने वाले दिनों में यूजर्स के इंटरनेट यूज के तरीकों को पूरी तरह से बदल कर रख देगा। अपने ऐनुअल इवेंट में कंपनी ने बार्ड को आधिकारिक तौर पर लॉन्च किया है। इस एएल चैटबॉट का इंतजार लोगों को लंबे वक्त से था। इसकी वजह है माइक्रोसॉफट का चैटजीएपटी बेस्ड नया बिंग, जिसमें तमाम सुविधाएं मिलती हैं। बिंग और चैटजीएपटी को टक्कर देने के लिए गूगल ने जनरेटिव सर्च और बार्ड लॉन्च किया है।
गूगल यहां रुकना नहीं चाहता है। कंपनी ने इससे आगे की भी प्लानिंग कर ली है। जेमिनी गूगल के एएल वर्ल्ड का फ्यूचर प्लेटफॉर्म होगा। बार्ड गूगल के लैग्वेंट मॉड्यूल पाम 2 पर बेस्ड है, जबकि जेमिनी इससे आगे की कहानी लिखेगा। इसमें यूजर्स को मल्टीमॉडल कैपेबिलिटीज मिलेंगी, जो इससे दूसरे से काफी आगे पहुंचा देगी। गूगल ने एक ब्लॉग पोस्ट में इसके बारे में बताया है। कंपनी ने लिखा कि हम जेमिनी पर काम कर रहे हैं। हमारा अगला मॉडल ग्राउंड से मल्टीमॉडल तक होगा, जो एपीएल इंटीग्रेशन और टूल्स में बहुत प्रभावी होगा। इसका इस्तेमाल मेमोरी और प्लानिंग जैसे फ्यूचर इनोवेशन में किया जा सकेगा। ये प्लेटफॉर्म अभी ट्रेनिंग फेज में है, लेकिन इसकी मल्टीमॉडल क्षमताएं सामने आ चुकी हैं। टेस्टिंग और फाइन ट्यूनिंग के बाद कंपनी इसे विभिन्न साइज और कैपेबिलिटीज के साथ लॉन्च करेगी।
जेमिनी मल्टीमॉडल कैपेबिलिटी के साथ आएगा, तो इस पर कई काम किए जा सकेंगे। इसका मतलब है कि ये टेक्स्ट, कोड और ईमेज जनरेट और रीड दोनों कर सकेगा। चैटजीएपटी सिर्फ टेक्स्ट मॉडल है। इसकी मदद से आप न तो तस्वीर क्रिएट कर सकते हैं, न ही ये तस्वीरों को समझ पाएगा। इसका मतबल है जेमनी का इस्तेमाल बेहतर और बड़े स्तर पर किया जा सकेगा। कुछ ऐसा ही बिंग का भी हाल है। बिंग में आपको ईमेज क्रिएट के लिए एक अलग लिंक मिलता है, लेकिन चैट के ऑप्शन में आपको ये फीचर नहीं मिलेगा। ऐसे में अगर जेमिनी इन दोनों फीचर्स को एक साथ लाता है, जो ये दूसरों से आगे निकल जाएगा।