
देश की आजादी के समय नेतृत्व की आवश्यकता को लेकर बनाई गई पार्टी का भारत की स्वतंत्रता के पश्चात समूचे देश पर शासन था
कांग्रेस पार्टी के संरक्षक के रूप में प्रतिष्ठित व्यक्ति गांधी जी ने जब से जवाहरलाल नेहरू को प्रधानमन्त्री बनाने का पक्षपात पूर्ण निर्णय लिया वहीं से इस कांग्रेस पार्टी में अंतर्कलह की शुरुआत हो गई थी
कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व देश की बजाय स्वार्थ सिद्धी की ओर अग्रसर होने लगा तब से कांग्रेस पार्टी का विघटन और पतन शुरू हो गया था लेकिन कांग्रेस पार्टी को इसका आभास नहीं हुआ या जानबूझकर अंजाम बनने का नाटकीय खेल चलता रहा , कांग्रेस पार्टी का इंदिरा कांग्रेस बनने के बाद भले ही देश में एक छत्र शासन रहा हो परन्तु कांग्रेस के अंदर अंतर्कलह चरम सीमा पर पहुंच गया था
कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं का असंतोष बढ़ता वे नवीन दल बनाने लगे या नवीन दलों का समर्थन करने लगे ,
कांग्रेस पार्टी जब एक परिवार की पार्टी बनकर रहने लगी तब इस राष्ट्रीय पार्टी का अनेक भागों में विभाजन होता चला गया
देश में एक छत्र शासन करने वाली कांग्रेस वर्तमान में दो चार राज्यों में सीमटकर रह गई
मध्यप्रदेश के पिछले विधानसभा चुनाव 2018 की बात करें तो भाजपा संगठन के मुखिया की शिथिलता व शिवराज सिंह चौहान के लगातार मुख्यमंत्री रहने के अहंकार में वर्ग विशेष को लेकर माई का लालसंबोधन करने व कमजोर और जनाधार विहीन लोगों को टिकट देने के गलत फैसलों ने वनवास भुगत रही कांग्रेस पार्टी को सत्तासीन होने का अवसर दिया ।
लेकिन नर्मदा परिक्रमा के साथ मुख्यमंत्री बनने का देखने वाले दिग्विजय सिंह जी को जब पता चला कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी पुनः सत्ता पर काबिज होने वाली है और दिग्विजय सिंह की बजाय ज्योतिरादित्य सिंधिया मुख्यमंत्री बनने वाले हैं तब कांग्रेस की गुटबाजी खुलकर सामने आ गई लाख कोशिशों के बावजूद दिग्विजय सिंह खुद को मुख्यमंत्री का रास्ता ढूंढ नहीं पाए तो उन्होंने सिंधिया को मुख्यमंत्री बनने से रोकने के ऊ कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाने का मास्टर प्लान तैयार किया , कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी की सरकार बन भी गई परंतु दिग्विजय सिंह जैसे नेता मुख्यमंत्री बनने से वंचित रह गए यह बात मन ही मन दिग्विजय सिंह को दुखी कर रही थीं
इसी अंतर्कलह की वजह से मध्यप्रदेश की बनी बनाई कांग्रेस पार्टी की सरकार धराशाई हो गई और भाजपा सत्तासीन हो गई ।
अब कांग्रेस पार्टी में राकेश यादव जैसे नेता समाचार पत्रों में सुर्खियां बटोरने के चक्कर में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और कद्दावर नेता श्री कैलाश जी विजयवर्गीय को कांग्रेस की ओर से निमंत्रण देकर उन्हें कांग्रेस पार्टी में शामिल में करने का सपना देख रहे हैं
श्री राकेश जी यादव जैसे कांग्रेसी नेताओं को मुंगेरीलाल के हसीन सपने देखने का अधिकार है आप दिन रात सपने देखिए परंतु सपने देखने के साथ साथ अपने लोगों को भी देखिए कैलाश विजयवर्गीय कहीं आपके अपने अरूण यादव, राहुल सिंह , लक्ष्मण सिंह जैसे कद्दावर नेताओं को भाजपा की सदस्यता दिलाकर कांग्रेस के बचे-खुचे सदस्यों को भी भाजपा में शामिल नहीं करा दे ।