केवीके जावरा, जिला रतलाम द्वारा जैव कीटनाशक विषय प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ आयोजन
निप्र, जावरा कृषि विज्ञान केन्द्र जावरा, जिला रतलाम द्वारा दो दिवसीय प्रशिक्षण जैव कीटनाशक विषय पर ग्राम सबलगढ़, विकासखण्ड पिपलौदा, जिला रतलाम में आयोजन किया गया । उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. ज्ञानेन्द्र प्रताप तिवारी, विषय वस्तु विशेषज्ञ (पौध संरक्षण) द्वारा बताया गया कि जैव रासायनिक कीटनाशक प्राकृतिक रूप से पाये जाने वाले पदार्थ है जो गैर विषैले तंत्र द्वारा कीटो को नियंत्रित करते है । इसके विपरीत पारंपरिक कीटनाशक आमतौर पर रासायनिक प्रक्रिया से निर्मित सामग्री होती है, जो सीधे कीटो एवं बीमारियों को मारते है या निष्क्रिय करते है। इसलिए सूक्ष्मजीव कीटनाशक बेसिलस थुरिनजेनेसिस या बी.टी. की उप – प्रजातियां है। अतः किसानो को जैव कीटनाशको का उपयोग करने एवं उसके क्या – क्या फायदें है इसके बारे में किसानो को जानकारी प्रदान की गयी हैं। साथ ही बताया कि जैव कीटनाशक बहुत कम मात्रा में प्रभावी होते है और जल्द ही विघटित हो जाते है, जिसके कीटनाशको के कारण होने वाली प्रदूषण की समस्याओं से काफी हद तक कम किया जा सकता है। पशुपालन विषय के विषय वस्तु विशेषज्ञ डॉ. सुशील कुमार द्वारा गर्मियों में पशुओं की देखभाल हमारे किसान भाई कैसे करें, इसके बारें में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की गई। उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम में 19 कृषको की भागीदारी रहीं।