गर्मी के मौसम में फूड पॉयजनिंग की समस्या बहुत आम है। दरअसल इस मौसम में शरीर की पाचन क्षमता कमजोर हो जाती हैं। इसके अलावा गर्मी के मौसम में खाने-पीने की चीजें जल्दी खराब होती हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। फूड पॉयजनिंग होने पर आमतौर पर पेट में दर्द, उल्टी और मितली जैसी समस्याएं होती हैं। इसके अलावा कई बार दस्त और पेचिश भी शुरू हो जाती है। अगर आप इन गर्मियों में फूड पॉयजनिंग से बचना चाहते हैं, तो ये टिप्स अपनाएं।
फूड पॉयजनिंग होने पर क्या करें?
अगर आपको बार-बार उल्टी, दस्त और पेट दर्द की समस्या है, तो ये फूड पॉयजनिंग का संकेत है। फूड पॉयजनिंग होने पर आप इन घरेलू नुस्खों की मदद ले सकते हैं।
फूड पॉयजनिंग में केला बहुत फायदेमंद होता है, क्योंकि इसमें पोटैशियम ज्यादा होता है, जो पेट के संक्रमण को कम करता है। केला को दही में मैश करके खाएं। इससे दस्त बहुत जल्दी ठीक होता है।
एक चम्मच अदरक का रस पीकर आधा ग्लास पानी पी लें। अदरक में एंटीबैक्टीरियल और दर्द निवारक गुण होते हैं। ये संक्रमण को खत्म कर देगा।
फूड पॉयजनिंग के उपचार में ज्यादा-से-ज्यादा ध्यान इस बात पर दिया जाना चाहिए कि मरीज के शरीर में पानी की कमी न हो।
ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं, साथ ही, सूप, पतली खिचड़ी, नारियल पानी, चावल का पानी, ग्लूकोल, इलेक्ट्रॉल पाउडर का घोल आदि लेना चाहिए।
जीरे का प्रयोग करने से फूड पॉयजनिंग ठीक हो जाती है। इसके लिए एक चम्मच जीरे को पीसकर उसका सेवन करें।
नींबू के रस की एसिडिटी फूड पॉयजनिंग के बैक्टीरिया समाप्त करता है। इसलिए इसे फूड पॉयजनिंग में लाभकारी मानते हैं।
फूड पॉयजनिंग से बचाव के लिए क्या करें
फूड पॉयजनिंग से बचाव के लिए जरूरी है कि आप गर्मी के मौसम में खानपान और साफ-सफाई का ध्यान रखें।
पके हुए भोजन का सेवन 4-6 घंटे के अंदर कर लें। इससे ज्यादा समय तक खाने की चीजें रखने से वो खराब हो सकती हैं।
बासी खाना खाने से बचें।
गूंथे हुए आटे को फ्रिज में रखकर अगले दिन न इस्तेमाल करें।
दूध, दही, पनीर आदि डेयरी वाले आहरों को ताजा ही इस्तेमाल करें।
मांस, मछली, चिकन आदि को ज्यादा समय तक फ्रिज में न रखें, बल्कि कोशिश करें कि ये ताजे ही इस्तेमाल किए जाएं।
बाजार में तले-भुने और फास्ट फूड्स का सेवन न करें।
गोलगप्पे, समोसे, कचौरी, पकौड़े, चाउमीन, बर्गर आदि खुले में मिलने वाले खाने से भी होता है, फूड पॉयजनिंग का खतरा।
फूड पॉयजनिंग होने पर नियंत्रण करें ये आदतें
एक साथ ज्यादा ना खाएं, बल्कि थोड़ा थोड़ कर के खाएं।
खाने में घी और तेल का इस्तेमाल कम से कम करें या ठीक होने तक बिल्कुल न करें।
मैदे से बनी चीजों का बिल्कुल सेवन ना करें।
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