
( अमिताभ पाण्डेय)
भोपाल । इन दिनों भोपाल में मध्यप्रदेश कोटवार संघ द्वारा अपनी मांगों को लेकर आंदोलन किया जा रहा है। इस आंदोलन का परिवर्तन पार्टी ऑफ इंडिया ने समर्थन किया गया। पार्टी के पदाधिकारियों ने आंदोलन कर रहे कोटवार साथियों से आज मुलाकात की । इस मौके पर परिवर्तन पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार कोटवारों को केवल हर माह 4000 रुपए देने का काम कर रही है। अगर परिवर्तन पार्टी ऑफ इंडिया सरकार में आती है तो इसे बढ़ाकर 17 हजार रूपए प्रतिमाह किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कोटवार गांव की जनता और सरकार की बीच महत्वपूर्ण कड़ी होती है जो कि सरकार की हर योजनाओं को गांव की जनता तक पहुंचाने का काम करते हैं । कोटवार गांव की समस्या को सरकार तक पहुंचाने का काम करते हैं ।
इस अवसर पर परिवर्तन पार्टी ऑफ इंडिया राष्ट्रीय अध्यक्ष महेन्द्र सिंह रावत , भंते बुद्ध भूषण प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष शिबू एस दास एडवोकेट , प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद सूर्यवंशी प्रदेश सचिव गंगाधर बारस्कर पिछड़ा वर्ग मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष दुर्गा प्रसाद कुशवाहा एवं उमेश नारनोरे उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए परिवर्तन पार्टी आफ इंडिया की मध्यप्रदेश इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष शिबू एस दास एडवोकेट ने कहा कि हाल ही में हुई बेमौसम बारिश ने फसलों को बहुत नुकसान पहुंचा दिया है। इसके कारण किसानों की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है।
ऐसी स्थिति में परिवर्तन पार्टी आफ इंडिया मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार से मांग करती है कि किसानों के बिजली के बिल माफ किए जाएं । बैंक की वसूली , सहकारी समिति की वसूली पर तत्काल रोक लगाई जाए।प्रदेश के सभी किसानों को फसल नुकसान का उचित मुआवजा शीघ्र दिया जाए।
श्री दास ने चेतावनी दी है कि यदि सभी किसानों को जल्दी मुआवजा नहीं मिला तो परिर्वतन पार्टी आफ इंडिया जोरदार विरोध प्रदर्शन करेगी। इसमें मध्यप्रदेश के अनेक जिलों के किसान बड़ी संख्या में शामिल होंगे।
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश के कारण
मध्यप्रदेश के किसानों को बहुत नुकसान हो गया है।
इसका राज्य सरकार दो फेस में सर्वे करा रही है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार पहले फेस में 6 से 9 मार्च 2023 के बीच आंधी, पानी और ओले गिरने से प्रदेश में 16 जिलों के 3280 गांव में 1.09 लाख किसानों की 1.25 लाख हेक्टेयर फसल नष्ट होने की जानकारी मिली है। इसके बाद 16 से 19 मार्च के बीच फिर बारिश हो गई । इसके कारण प्रदेश के 27 जिलों में नुकसान हुआ , ऐसा माना जा रहा है। दूसरी बार हुई बारिश के सर्वे की अभी तक मिली रिपोर्ट में 19 जिलों के 525 गांवों में 33884 किसानों की 38985 हेक्टयर फसल खराब हो गई है।
इन दोनों सर्वे रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश के साढ़े 3 हजार से ज्यादा गांवों में 1.5 लाख हेक्टेयर से अधिक की फसल को नुकसान हुआ है। कुछ जिलों में जहां ओले पड़े हैं, वहां फसलों को 50 से 80 प्रतिशत तक नुकसान हुआ , ऐसा माना जा रहा है। विदिशा जिले में सबसे ज्यादा 49 हजार 883 हेक्टेयर (पहले फेस के सर्वे में 45 हजार 875, दूसरे फेस में 4 हजार 008) में फसल को नुकसान हुआ है। सबसे ज्यादा 38 हजार 078 किसान (पहले फेस में 36 हजार 073, दूसरे में 2 हजार 005) भी विदिशा में ही प्रभावित हुए हैं। मंदसौर में ओलावृष्टि के कारण 819 गांव में नुकसान हुआ है। इसी बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 25 मार्च तक सर्वे पूरा करने के निर्देश दिए हैं ।
यहां यह बताना जरूरी होगा कि मौसम विभाग के अनुसार
विगत 3 से 9 मार्च 2023 के बीच साउथ वेस्ट राजस्थान में चक्रवात बना था। उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव रहा। साउथ कोंकण से लेकर सेंट्रल छत्तीसगढ़ तक ट्रफ लाइन गुजरने से सिस्टम और मजबूत हो गया। इस वजह से 6 से 9 मार्च के बीच मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में आंधी, पानी के साथ ओले गिरे। 43 जिलों पर असर पड़ा।
उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस पहले से एक्टिव था जबकि 16 मार्च से एक और वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव हो गया। दक्षिण-पूर्वी हवाएं बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से नमी लेकर आईं। इसका असर यह हुआ कि मध्यप्रदेश में हवा-पानी के साथ ऐसे ओले गिरे कि खेत के खेत बर्बाद हो गए। प्रदेश में 27 से ज्यादा जिलों में इसका असर पड़ा है। ग्वालियर-चंबल संभाग में प्रशासन ने शुरुआती सर्वे में 60 से 85% नुकसान का अनुमान जताया है। इंदौर , उज्जैन संभाग सहित जबलपुर , शहडोल , सागर , रीवा संभाग के अनेक जिलों में भी किसानों को बहुत नुकसान हुआ है।