नई दिल्ली। राज्यसभा सदस्य संजय राउत का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राजनीतिक हितों की पूर्ति करने के लिए केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त किया था। पार्टी के मुखपत्र ‘सामना में अपने साप्ताहिक कॉलम ‘रोखटोक में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता राउत ने कहा कि इस कदम के बावजूद कश्मीरी पंडितों को उनका अधिकार नहीं मिला और भाजपा नेताओं के पास उनकी समस्याओं का कोई जवाब नहीं है। उन्होंने कहा कि हाल में पुलवामा में एक कश्मीरी पंडित की हत्या कर दी गई, लेकिन कथित आबकारी घोटाले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर इससे ध्यान भटकाया गया। राउत ने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था और रहेगा। अनुच्छेद 370 को हटाना केवल कागजों पर ही है और भाजपा के राजनीतिक हितों की पूर्ति करने के लिए ऐसा किया गया है।
उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में की गई ‘भारत जोड़ो यात्रा के तहत केंद्र शासित प्रदेश की अपनी हालिया यात्रा के दौरान कश्मीरी पंडितों से मिले थे और समुदाय के सदस्यों ने उन्हें कश्मीर घाटी में जबरन स्थानांतरित किए जाने के बारे में बताया था। उन्होंने कहा कि हाल में मुंबई में दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा आयोजित ‘हिंदू आक्रोश मोर्चा कश्मीरी पंडितों की हत्या के विरोध में जम्मू-कश्मीर में भी आयोजित किया जाना चाहिए। उन्होंने पंजाब में खालिस्तान समर्थक तत्वों के फिर से उभरने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह आंतरिक सुरक्षा से जुड़ा विषय है, जिसे राज्य (पंजाब) सरकार के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता।