नई दिल्ली । केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने दावा किया हैं कि प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले पांच वर्षों में विशेष रूप से नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा 2018 में आर्थिक अपराधी अधिनियम पारित करने के बाद आर्थिक अपराधियों और भगौड़ों से अनुमानित 180 बिलियन डॉलर की वसूली की है। भ्रष्टाचार के खिलाफ जी20 देशों के वर्किंग ग्रुप की बैठक में केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री सिंह ने कहा कि भ्रष्ट लोग अपराध से अर्जित आय को ठिकाने लगाने का तरीका ढूंढते हैं और यह ऐसी रकम है, जिसका इस्तेमाल गलत कामों में होता है। यह आतंकवादियों की फंडिंग का प्रमुख स्रोत है। युवाओं का जीवन बर्बाद करने वाले ड्रग्स से लेकर मानव तस्करी तक लोकतंत्र को कमजोर करने वाली गतिविधियों से लेकर अवैध हथियारों की बिक्री तक ये काली कमाई कई विनाशकारी कृत्यों की फंडिंग करती है।
भारत ने भगौड़े अपराधियों के तेजी से प्रत्यर्पण और चोरी गई संपत्ति की विदेश से जप्ती को सुनिश्चित करने के लिए द्विपक्षीय के बजाय बहुपक्षीय कार्रवाई पर जोर दिया है।
इसलिए अहम है कि नीरव मोदी और विजय माल्या सहित कई भगौड़े आर्थिक अपराधियों को भारत लाने का सरकार प्रयास कर रही है। नीरव और माल्या, दोनों ही बैंकों से धोखाधड़ी के आरोपी हैं।