12 ज्योतिर्लिंग में से सिर्फ उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में मनाई जाती है शिव नवरात्रि किए जाते हैं भव्य आयोजन लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं महाकालेश्वर मंदिर
10 फरवरी को शिव नवरात्रि के पहले दिन शिव पंचमी का पूजन होगा. सबसे पहले कोटितीर्थ कुंड के पास मौजूद श्री कोटेश्वर महादेव की पूजा-अर्चना कर उनको हल्दी चढ़ाई जाएगी. इसके बाद गर्भगृह में महाकाल की पूजा होगी.
मध्य प्रदेश में विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि (18 फरवरी) को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. कोटि तीर्थ कुंड व गर्भगृह में रजत मंडित दीवार की साफ सफाई जल्द की जाएगी. मंदिर समिति ने महापर्व पर दर्शन व्यवस्था को लेकर प्लान तैयार कर लिया है. महाकाल लोक के द्वितीय चरण और शिव ज्योति अर्पणम कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लेने नवागत कलेक्टर पुरुषोत्तम कुमार महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने निर्माण कार्यों की जानकारी लेने के साथ ही 18 फरवरी को आयोजित हो रहे शिव ज्योति अर्पणम कार्यक्रम की जानकारी लेते हुए महाकाल लोक के द्वितीय चरण के निर्माण कार्य तेज गति से पूर्ण करने के निर्देश दिए.
कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने त्रिवेणी संग्रहालय से महाकाल लोक के द्वितीय चरण के निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की और अब तक हुए निर्माण कार्यों की जानकारी प्राप्त की. कलेक्टर ने ई-कार्ट से सम्पूर्ण महाकाल लोक का भ्रमण किया और चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया. उन्होंने श्री महाकालेश्वर मन्दिर जाकर यहां भी चल रही तैयारियों की जानकारी प्राप्त की. मंदिर प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया कि 31 दिसंबर व एक जनवरी को देशभर से 6 लाख से अधिक श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन करने आए थे. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं की संख्या 10 लाख से अधिक रहेगी. इसको लेकर वृहद स्तर पर दर्शन प्लान तैयार किया जाएगा. नए साल में जो कुछ कमियां रह गई थीं, उनसे सबक लेते हुए महाशिवरात्रि के समय और अधिक पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे.
अलग-अलग स्वरूप में दर्शन देंगे महाकाल
महाकाल मंदिर में फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि पर 10 फरवरी से शिव नवरात्र की शुरुआत होगी. भगवान महाकाल दूल्हा बनेंगे और नौ दिन तक संध्या आरती में भगवान का नित नया शृंगार होगा. 18 फरवरी को महाशिवरात्रि पर दिनभर भगवान का जलाभिषेक होगा. मध्य रात्रि महानिषाकाल में महाकाल की महापूजा होगी. 19 फरवरी को तड़के 4 बजे भगवान के शीश सवा मन फूल व फलों से बना सेहरा सजाया जाएगा. इसके बाद दोपहर 12 बजे साल में एक बार दिन में होने वाली भस्म आरती होगी.
महाशिवरात्रि के दो दिन बाद फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया पर 21 फरवरी को भगवान महाकाल का पंचमुखारविंद शृंगार होगा. इस दिन भक्त भगवान महाकाल के एक साथ पांच रूप में दर्शन कर सकेंगे. भगवान का पंचमुखारविंद शृंगार भी साल में एक बार ही होता है. मंदिर के पुजारी पंडित आशीष पुजारी के अनुसार, शिव नवरात्रि में सुबह 8 बजे नेवैद्य कक्ष में भगवान चंद्रमौलेश्वर का पूजन होगा. इसके बाद कोटितीर्थ कुंड के समीप स्थित श्री कोटेश्वर व रामेश्वर महादेव का अभिषेक-पूजन किया जाएगा.
गर्भगृह में भगवान महाकाल का पंचामृत अभिषेक-पूजन होगा. पुजारी घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व में 11 ब्राह्मण रुद्र पाठ करेंगे. दोपहर करीब एक बजे भोग आरती होगी. दोपहर तीन बजे संध्या पूजन के बाद भगवान का विशेष शृंगार किया जाएगा. आम दिनों में भोग आरती सुबह 10.30 बजे और संध्या पूजा शाम पांच बजे होती है. शिव नवरात्रि के चलते महाकाल मंदिर के पुजारी इन नौ दिन उपवास रखेंगे. शिव नवरात्रि के पहले दिन भगवान महाकाल को सोला (धोती), दुपट्टा व शीश पर चांदी का मुकुट धारण करवाया जाएगा. निरंतर क्रम से भक्तों को भगवान के शेषनाग, मनमहेश, चंद्रमौलेश्वर, शिव तांडव, उमा महेश, होल्कर, घटाटोप और सप्त धान मुखारविंद में दर्शन होंगे.
वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की चल रही तैयारी
धार्मिक नगरी उज्जैन में महाशिवरात्री पर्व पर एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जो कि हफ्ते भर तक आयोजित होगा. इस कार्यक्रम की विशालता इतनी अधिक रहेगी कि रामघाट के साथ ही इसे शहर के विभिन्न स्थलों पर आयोजित किया जाएगा. वैसे तो इस आयोजन में अभी काफी समय बचा हुआ है, लेकिन आयोजन भव्यता के साथ-साथ दिव्यता से परिपूर्ण हो. इसीलिए आयोजन को लेकर अभी से तैयारियों का दौर शुरू हो चुका है.