
नई दिल्ली (मनमीत सिंह/माधव एक्सप्रेस)
बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि देश का सर्वोत्तम काल आ रहा है. हम अपना समय और शक्ति लगाकर इसके साक्षी बन सकते हैं. समापन भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि चुनाव में सिर्फ 400 दिन बाकी हैं, सभी तैयारी में जुट जाएं. आप समाज के सभी धर्म और वर्ग के पास जाइए और अपनी बात रखिए, भले ही वो आपको वोट दे या ना दे, उनके पास जाना चाहिए. आप चर्च जाएं, यूनिवर्सिटी जाएं, आप बोहरा समुदाय के पास जाएं, आपका सबको टच करें बगैर इसकी चिंता किए कि वो वोट दे रहे हैं या नहीं दे रहे हैं.
उन्होंने कहा कि पढ़े-लिखे मुसलमानों तक अपनी बात पहुंचाएं. मुस्लिम समाज के बारे में गलत बयानबाजी न करें. बीजेपी नेताओं को बेवजह बयानों से बचना चाहिए. बीजेपी कार्यकर्ता मुस्लिमों के बीच जाएं. बीजेपी को संवेदनशीलता के साथ लोगों से जुड़ना है. केवल वोट के लिए काम नहीं करें समाज बदलने के लिए काम करें. समाजनीति को लेकर लोगों को जोड़ने पर ज्यादा ध्यान दें.
पीएम मोदी ने कहा कि बीजेपी को बूथ स्तर पर और मजबूत करना है. बॉर्डर के करीब गांवों में पार्टी को मजबूत करें. इसमें बीजेपी के मोर्चों के कार्यकर्ता जाकर काम करें. नए कार्यकर्ताओं को पार्टी में जोड़ने पर ध्यान दें. कार्यकर्ता हर दिन नए-नए लोगों से मिलें. हमारी मेहनत में कमी नहीं आनी चाहिए.
अमृतकाल को कर्तव्यकाल में तब्दील करने का समय: मोदी
उन्होंने कहा कि भाजपा सिर्फ राजनीतिक आंदोलन ही नही बल्कि सामाजिक आंदोलन के तौर पर आगे बढ़ चुकी है और उसी तौर पर कार्यकर्ताओं को आगे काम करना चाहिए. पीएम के भाषण पर महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि ये भविष्य की राह दिखाने वाला प्रेरक भाषण था. पीएम मोदी ने कहा कि अमृतकाल को कर्तव्यकाल में तब्दील करने का समय है.
मोदी ने कहा कि आकांक्षी जिलों में सरकारी कामों में भी संगठन के कार्यकर्ताओं की सहभागिता हो. एक भारत श्रेष्ठ भारत को ध्यान में रखकर बीजेपी के सभी राज्य एक राज्य से दूसरे राज्य के लोगों को जोड़ने का काम करें. जैसे काशी तमिल संगमम हुआ.
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मुहिम की तरह ही हमारी धरती माता की पुकार को सुनते हुए धरती मां को प्रदूषित होने से बचाना है. क्लाइमेट चेंज जिस तरह हो रहा है उसको ध्यान में रखकर प्राकृतिक खेती जैसे कामों में सरकार के साथ कदमताल करना होगा, ताकि जलवायु परिवर्तन को रोका जा सके.
18 से 25 आयु के युवाओं को पिछली सरकारों के कुशासन की जानकारी देना और आज किस तरह हम उससे बाहर निकलकर आगे बढ़ रहे हैं, उसकी जानकारी देते हुए उनको सुशासन के साथ जोड़ना और कुशासन से हुए नुकसान को भी बताना है.