दिल्ली l देश में खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर में घटकर 6।77 प्रतिशत हो गई है, जो पिछले महीने यानी सितंबर में 7.41 प्रतिशत थी। खुदरा मुद्रास्फीति में गिरावट मुख्य रूप से खाद्य खाद्य वस्तुओं की कीमतों में कमी के कारण दर्ज हुई है। हालांकि, खुदरा मुद्रास्फीति लगातार 10 वें महीने रिजर्व बैंक के लक्ष्य सीमा से काफी ऊपर है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने सोमवार, 14 नवंबर को अक्टूबर 2022 के लिए घरेलू उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़ें जारी कर दिए हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, सीपीआई आधारित खुदरा मुद्रास्फीति इस साल जनवरी से 6 फीसदी के लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है। खुदरा महंगाई अगस्त 2022 में 7 प्रतिशत थी, जबकि अक्टूबर 2021 में खुदरा मुद्रास्फीति 4.48 प्रतिशत था। वहीं, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, खाद्य मुद्रास्फीति सितंबर में 8.6 प्रतिशत के मुकाबले अक्टूबर में 7.01 प्रतिशत रही है।
भारतीय रिजर्व बैंक लगातार तीन तिमाहियों के लिए मुद्रास्फीति को 2 प्रतिशत के मार्जिन के साथ 4 प्रतिशत पर लक्ष्य सीमा सुनिश्चित करने में विफल रहा है। इसको लेकर केंद्रीय बैंक ने सरकार को एक रिपोर्ट भेजी है, जिसमें विफलता के कारणों और CPI को लाने के लिए उठाए जा रहे कदमों का विवरण दिया गया है।
पहले जारी किए गए आंकड़ों के एक अन्य सेट से पता चला कि थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अक्टूबर में खाद्य, ईंधन और विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में कमी के कारण 19 महीने के निचले स्तर 8.39 प्रतिशत पर आ गई।सितंबर में थोक मुद्रास्फीति 10.70 प्रतिशत और अगस्त में 12.41 प्रतिशत रही थी।