चंदेरी(माधव एक्सप्रेस)
कोरोना महामारी के बाद विदेशी पर्यटकों का आना , पर्यटन उद्योग के लिए अच्छे संकेत हैं । लोग महामारी से उभर कर अपने देशों से बाहर निकल ने को आतुर हैं , हाल ही में यूनाइटेड अमेरिका के 16(बुनकर ),पर्यटकों के एक गुरूप ने चन्देरी हाथकरघा उद्योग को विज़िट किया और उनके पूर्वज जो किया करते थे उसे याद किया और भूरी भूरी प्रसंशा की ।
आज स्विसजरलैंड के सात सदस्यीय दल ने चन्देरी हैंडलूम पार्क का विज़िट किया और कारीगरों से बुनाई के तरीक़े पूछे और उनकी महनत को खूब सराहा ।
बारबरा बताती हैं की उनके पिता श्री स्विसजरलैंड से रशिया चले गए थे और वहाँ पर फ़ायर ब्रिगेट के लिए होसपाइप का कपड़ा बनाते थे और वहाँ पर एक इंडस्ट्री शुरू की थी पर जब सोवियत संघ का बिघटन हुआ तो इनका परिवार वापस स्विसजरलैंड आ गया था , बारबरा ने बताया की चन्देरी की बुनाई के चर्चे तो बहुत सुने थे पर आज अपनी आँखों से देख कर बहुत प्रशंसा हुई ।
स्विसजरलैंड के समूह जिस में रोलैंड , लूचो, बारबरा , वैरा , एलेन, मिशेल और जॉनपियेग शामिल थे , गुरूप के लीडर श्री एलेन ने कल्ले भाई (गाइड ) के साथ गुरूप को कीर्ति दुर्ग, दिल्ली दरवाज़ा , सादर बाज़ार , ढोलिया दरवाज़ा, और हैंडलूम पार्क का भ्रमण किया , एलेन कहते है कि , हम पहली बार चन्देरी में अपना गुरूप ले कर आए हैं , पर अब हमारे कई गुरूप चन्देरी आयेंगे , चन्देरी पर्यटन की नज़र से बहुतसी चीज़ों की मालिक है ।