परमहंस डॉ. अवधेशपुरी महाराज ने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री को दिया सुझाव
उज्जैन। महाकाल लोक के लोकार्पण समारोह के गौरवशाली अवसर पर महाकाल लोक के अति समीप स्थित बेगमबाग एवं मन्नत गार्डन के नाम परिवर्तित कर इन दोनों स्थानों के नाम भी अन्य स्थानों की तरह हिंदी में रखें जाएं।
उक्त सुझाव परमहंस डॉ. अवधेशपुरी महाराज ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को पत्र लिखकर दिया है। अवधेशपुरी महाराज ने सुझाव दिया कि महाकाल वन अंतर्गत स्थित बेगमबाग का नाम गौरी बाग तथा मन्नत गार्डन को मनौती गार्डन के नाम से जाना जा सकता है। अभी वैश्विक स्तर के महाकाल लोक का प्रमुख द्वार बेगमबाग क्षेत्र में बना हुआ है। जब कोई भी महाकाल का भक्त महाकाल के मुख्य द्वार पर बेगमबाग को देखता है तो उसकी आस्था को ठेस पहुंचती है, उसके अच्छा अनुभव नहीं होता है, अतः बेगमबाग को मां पार्वती के एक पर्यायवाची नाम गौरी के नाम से गौरीबाग तथा मन्नत गार्डन को हिंदी में मनोती गार्डन करने का कष्ट करें। इससे न केवल मुख्यमंत्री की प्रशंसा होगी बल्कि महाकाल लोक लोकार्पण के समय की एक अद्भुत, अविस्मरणीय एवं ऐतिहासिक उपलब्धि भी होगी।
उल्लेखनीय है कि डॉ. अवधेशपुरी महाराज ने प्रधानमंत्री को काशी विश्वनाथ कॉरीडोर, महाकाल कॉरीडोर, महाकाल के विकास से संबंधित अन्य निर्माण कार्य सहित देश के अन्य सनातन धर्म से संबंधित धार्मिक स्थलों के नाम हिंदी में रखने के लिए एक पत्र लिखा था। पत्र की एक कॉपी मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान तथा उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी भेजी थी। मुख्यमंत्री द्वारा कुछ समय बाद ही प्राथमिकता के साथ उज्जैन में महाकाल मंदिर के आसपास के निर्माण कार्यों एवं दुकानों के नाम हिंदी में रखने की घोषणा की गई तथा महाकाल कॉरिडोर का नाम महाकाल लोक रखा गया, जिससे हिंदी भाषा, धर्म, संस्कृति एवं राष्ट्रीयता का सम्मान हुआ। मुख्यमंत्री के हिंदी एवं सनातन संस्कृति के प्रति प्रेम की प्रशंसा करते हुए तथा धन्यवाद देते हुए उक्त नवीन सुझाव प्रदान किया।