वैसे तो उज्जैन नगरी संपूर्ण विश्व भर में धार्मिक नगरी के नाम से प्रख्यात है. लेकिन नगर में कुछ ऐसे कार्य भी किए जाते हैं, जिससे कि श्रद्धालुओं को आभास होता है कि यह वही पावन पुनीत धरा है, जहां द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री महाकालेश्वर का ज्योतिर्लिंग है
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कल-कल बहती उत्तरवाहिनी मां शिप्रा आज भी भक्तों का उद्धार करती है. इन दिनों धार्मिक नगरी उज्जैन को सनातन छवि का स्वरूप देकर फिर से उकेरा जा रहा है. रामघाट व दत्त अखाड़ा क्षेत्र में घाट को साफ व स्वच्छ किए जाने के बाद सुंदर चित्रकारी व सौंदर्यीकरण कर इन्हें 7 रंगों से सजाया जा रहा है.’रामघाट व दत्त अखाड़ा’ क्षेत्र की दीवारों पर थ्रीडी, पेंसिल वर्क के माध्यम से बाबा महाकाल, नंदी, साधु-संत व मांडने मांड कर जय श्री महाकाल व हर-हर महादेव जैसे स्लोगन लिखे जा रहे हैं
जिससे इस पूरे क्षेत्र को एक नया ही स्वरूप मिल रहा है. रामघाट और दत्त अखाड़ा क्षेत्र को सनातनी छवि का स्वरूप देने के बाद अब जल्द ही मंगलनाथ, सिद्धवट और त्रिवेणी स्थित शनि मंदिर को भी इसी प्रकार से सजाने की तैयारियां की जा रही है.
निगमायुक्त अंशुल गुप्ता ने बताया कि शहरी आवास मंत्रालय के द्वारा इस साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर से देशभर में इंडियन स्वच्छता लीग की शुरुआत हुई है. जिसमें पूरे देश भर के 1800 शहर भाग ले रहे हैं.
इसी लीग के दौरान 100 बड़े शहरों में टीम बनाकर टीम व कैप्टन बनाए गए है. जिसमें उज्जैन की टीम अवंती वारियर्स है, जिसके कैप्टन महापौर मुकेश टटवाल हैं.
यह टीम दो अक्टूबर गांधी जयंती तक शहर के पर्यटन स्थलों की सफाई, सार्वजनिक स्थलों की सफाई, शहर का सौंदर्यीकरण, प्लास्टिक बैन के साथ ही स्वच्छता के लिए शहरवासियों को जागरूक करेगी.