उज्जैन – मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में सर्वाधिक समय तक शासन करने वाले जनप्रिय मुख्यमंत्री के रूप में अपना चौथा कार्यकाल पूरा कर रहे हैं
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी चौहान के चौथे कार्यकाल की शुरुआत कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के समय हुई , मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह ने चौहान देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के तय दिशानिर्देशों के अनुसार कोविड नियंत्रण के लिए प्रभावी प्रयास करते हुए मध्यप्रदेश की जनता को सकुशल बचाने का सफलतापूर्वक दायित्व निभाकर राज्य के मुख्यमंत्री होने के कर्तव्य का निर्वहन किया ।
कोरोनाकाल के बाद उत्पन्न हुई सभी विपरीत परिस्थितियों का सामना कर रहे मध्यप्रदेश को संबल देने के लिए शिवराज सिंह चौहान ने हर संभव प्रयास किए उनके सार्थक प्रयासों के परिणामस्वरूप आज मध्यप्रदेश पुनः विकास की रफ्तार पकड़ चुका है
लेकिन मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के विरोधी इनकी बढ़ती लोकप्रियता को सह नहीं पा रहे हैं
केन्द्रीय संसदीय बोर्ड समिति में फेरबदल भाजपा संगठन की संगठनात्मक संरचना है इसमें समय समय पर आवश्यक परिवर्तन करना भाजपा संगठन का अपना विषय होता है ,
लेकिन सत्ता से बेदखल कुछ नेताओ ने तो शिवराजसिंह चौहान को मुख्यमंत्री पद से हटने के दिनों की घोषणाएं भी कर दी
परंतु शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री पद से हटाने के सपने देखने वाले नेताओं को शायद यह पता नहीं है कि अपनी कुशल रणनीति और कार्यशैली के दम पर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों में शिवराज सिंह चौहान देश में अग्रणी मुख्यमंत्री के रूप में प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र जी मोदी के सबसे अग्रणी है
ऐसे मे विरोधी दलों के नेताओं को के लिए मेरा सुझाव है कि मध्यप्रदेश में विपक्षी दलों के नेताओं को यदि दिन में सपने देखने की आदत पड़ गई हो तो उसे 2029 तक वो दिन में सपने नहीं देखे क्योंकि मध्यप्रदेश में 2023 में भी पुनः भाजपा संगठन की सरकार बनने वाली हैं , 2023 के चुनाव के बाद मुख्यमंत्री किसे बनाना है यह भाजपा संगठन का अपना आंतरिक मामला है लेकिन वर्तमान में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री के रूप सम्मिलित होने से शिवराज सिंह चौहान का कद बढ़ा है और विपक्षी दलों की टेंशन बड़ी है